PM Modi XI Jinping Meeting: रविवार (31 अगस्त, 2025) को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच हुई मीटिंग के बाद, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला, साथ ही सवाल किया कि क्या ‘न्यू नॉर्मल’ को चीन की आक्रामकता और सरकार की कायरता से परिभाषित किया जाना चाहिए।
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कांग्रेस ने प्रश्न उठाया कि क्या पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का चीन के साथ सुलह पर ज़ोर वास्तव में उसकी क्षेत्रीय आक्रामकता को सही ठहरा रही है? उन्होंने तियानजिन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी बैठक में कहा कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर चीन के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
चीनी आक्रमण में वीर सैनिक शहीद
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज हुई बैठक का मूल्यांकन इस संदर्भ में किया जाना चाहिए कि जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी आक्रमण के कारण हमारे 20 वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इसके बावजूद, 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने कायरतापूर्ण तरीके से चीन को क्लीन चिट दे दी।”
• चीन ने गलवान घाटी में हमारे 20 जांबाज सैनिकों की जान ले ली
• ऑपरेशन सिंदूर के वक्त चीन खुलकर पाकिस्तान का साथ दे रहा था
• चीन ने पाकिस्तान को लाइव अपडेट दिएचीन की इन नापाक हरकतों पर नरेंद्र मोदी ने सख्त कदम उठाया. मुस्कराते हुए चीन के राष्ट्रपति से हाथ मिलाया. pic.twitter.com/fDquMqXwTi
— Congress (@INCIndia) August 31, 2025
उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख ने लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर पूर्ववत स्थिति बहाल करने की मांग की थी। रमेश ने कहा, “लेकिन ऐसा न करने के बावजूद, मोदी सरकार ने चीन के साथ सुलह की दिशा में कदम उठाए, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से उस क्षेत्र में चीन की आक्रामकता को वैधता मिल गई।”
चीन की पाकिस्तान के साथ ‘जुगलबंदी’
उन्होंने कहा कि 4 जुलाई को उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ चीन की ‘जुगलबंदी’ के बारे में दृढ़ता और स्पष्टता से बात की थी। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘लेकिन इस अशुभ गठबंधन का कड़ा जवाब देने के बजाय, मोदी सरकार ने चुपचाप इसे नियति मान लिया और अब चीन को राजकीय यात्राओं से पुरस्कृत कर रही है।’
उन्होंने कहा कि चीन ने यारलुंग त्सांगपो पर एक विशाल जलविद्युत परियोजना की घोषणा की है, जिसका हमारे पूर्वोत्तर राज्यों पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा।
चीन से आयात की अनियंत्रित ‘डंपिंग’ जारी है
रमेश ने दावा किया कि चीन से आयात की अनियंत्रित ‘डंपिंग’ जारी है, जिससे हमारी एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम) इकाइयाँ बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। डंपिंग का मतलब है कि निर्माता किसी उत्पाद को उसके सामान्य मूल्य से कम कीमत पर दूसरे देश को निर्यात करता है, जिससे उस देश को नुकसान होता है।