रवि कुमार गुप्ता की रिपोर्ट, Punjab National Bank News, Naharbalaganj Branch, Uttar Pradesh: पंजाब नेशनल बैंक की नहरबालागंज शाखा में 5.25 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ हैं। बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से डिमांड लोन और ओवरड्राफ्ट फर्जी तरीके से जारी किए गए। आंतरिक जांच में गड़बड़ी सामने आई तो बैंक के अयोध्या मंडल के चीफ मैनेजर पुनीत मुत्रेजा ने नगर कोतवाली में अपने वरिष्ठ प्रबंधक, बैंक अधिकारी, कैशियर और ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कराया है।
प्रभारी निरीक्षक सुधीर सिंह ने शुक्रवार को बताया कि मामले में पीएनबी नहरबालागंज शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक महेश त्रिपाठी, बैंक अधिकारी विनय कुमार शर्मा, संतोष गुप्ता, कैशियर यशवंत कुमार के साथ ही गोंडा के जानकी नगर निवासी पूनम सिंह पार्टनर पीएसपी कंस्ट्रक्शन, वैभव सिंह, समरजीत सिंह व एक अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बैंक अधिकारियों को किया गया निलंबित
पीएनबी अयोध्या मंडल के चीफ मैनेजर ने बताया कि घोटाले में संलिप्तता पर चारों बैंक अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। मामले की जानकारी अयोध्या स्थित सर्किल ऑफिस और लखनऊ जोनल ऑफिस को लगी तो जांच कराई गई। पता चला कि रकम बैंक अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से हड़पी गई। जुलाई 2021 में अचानक नहरबालागंज शाखा में 24 डिमांड लोन (ओडी) खाते खोले गए। एक ही दिन में इन खातों में करोड़ों रुपये जारी किए गए। इसमें न तो सक्षम प्राधिकारी की अनुमति ली गई और न ही दस्तावेज की औपचारिकता ही पूरी हुई। रकम खाताधारकों को देने के बजाय सीधे साझेदारों के खातों में ट्रांसफर कर दी गई।
कंस्ट्रक्शन पार्टनर बनने के लिए बैंक अफसरों ने किया घोटाला
पंजाब नेशनल बैंक की नहरबालागंज शाखा में उजागर हुए 5.25 करोड़ के घोटाले को संगठित तरीके से अंजाम दिया गया है। जांच में सामने आया कि ठेकेदार की कंस्ट्रक्शन कंपनी को बैंक अफसरों ने हाथ खोलकर ओवर ड्राफ्ट की स्वीकृति दी। नगर कोतवाली में केस दर्ज होने के बाद बैंक अफसरों व ठेकेदार का गठजोड़ भी सामने आ गया है। जांच टीम के अनुसार गोंडा के चर्चित ठेकेदार समरजीत सिंह ने बैंक कर्मियों को निर्माण कार्य में साझेदारी का लालच देकर अपने साथ मिला लिया था। इसी साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज पर डिमांड लोन और ओवरड्राफ्ट जारी हुए। करोड़ों रुपये निजी खातों में ट्रांसफर कर हड़प लिए गए।
पत्नी और बेटे को बनाया पार्टनर
समरजीत सिंह जो की तरबगंज क्षेत्र का बहुचर्चित चेहरा माना जाता है। उसके गहरे सियासी रिश्ते भी हैं। वह पहले एक हत्या के मामले में चर्चा में आ चुका है। अब बैंक घोटाले में भी नाम सामने आया है। मामले में शाखा प्रबंधक महेश त्रिपाठी, अधिकारी विनय कुमार शर्मा, संतोष गुप्ता, कैशियर यशवंत कुमार के साथ-साथ ठेकेदार, उसकी पत्नी और बेटे भी आरोपी है। ठेकेदार ने कंपनी में खुद के साथ पत्नी पूनम सिंह और बेटे वैभव सिंह को पार्टनर बनाया था, जिससे कि बैंक अफसरों को भरोसा हो कि पूरी कंपनी उसकी जेब में ही है। वह जैसा चाहेगा, वैसा ही होगा।
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गोंडा के नए आवास का पता दिखाकर किया खेल
समरजीत सिंह ने कंपनी के पंजीकरण में सावधानी बरती। मूल पता तरबगंज क्षेत्र का होने के बाद भी उसे कहीं नहीं दर्शाया। गोंडा के जानकीनगर में बनाए अपने नये मकान का पता दिया। उसी पर 5.25 करोड़ रुपये हड़पने का खाका खींचा। गोंडा में उसका एक आवास और है। गांव पर तो पैतृक घर भी है। बैंक अधिकारियों ने भी मूल पते की जानकारी नहीं की, जिससे अब उसकी तलाश में मुश्किल हो रही है।
सीओ सदर ज्योतिश्री ने शुरू की जांच
घोटाले की जांच सीओ सदर ज्योतिश्री कर रहीं हैं। उन्होंने शुक्रवार को बताया कि अभी तो एफआईआर दर्ज ही हुई है। जानकारी की जा रही है। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जा रही है। कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ बैंक अफसरों की भी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।