मनीष मेहता की रिपोर्ट, Jharkhand News: बेतला टाइगर रिजर्व (PTR) में सक्रिय शिकारियों के खिलाफ वन विभाग को बड़ी सफलता मिली है। गुप्त सूचना के आधार पर की गई ताबड़तोड़ छापेमारी में वन विभाग ने शिकारी गिरोह के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के 13 सदस्य अब भी फरार बताए जा रहे हैं।
पूरा मामला
नावागढ़ निवासी सरफुद्दीन मियां को बारूद और गंधक बेचते पकड़ा गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह यह सामान भरठुआ बंदूक में इस्तेमाल के लिए शिकारियों को देता था। इसी कड़ी में गारू थाना क्षेत्र के कुई गांव में छापेमारी हुई और तपेश्वर सिंह को गिरफ्तार किया गया। उसके घर से भरठुआ बंदूक बरामद की गई। तपेश्वर ने पूछताछ में चौकाने वाला खुलासा किया कि वह गिरोह के साथ वर्षों से शिकार में लिप्त है और कई साल पहले गारू के चंदवा चट्टान क्षेत्र में बाघ का शिकार भी कर चुका है।
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बरामदगी
गिरफ्तार शिकारियों के पास से 8 भरठुआ बंदूक, एक फरसा, 400 ग्राम बारूद, 14 ग्राम गंधक, टाइगर ट्रैप, 15 फीट के दो फंदे और जंगली जानवरों की हड्डियां (ट्रॉफी) जब्त की गईं। सरफुद्दीन मियां, तपेश्वर सिंह, रामसुंदर तुरी, झमन सिंह, कईल भुइयां, अजित सिंह, हरिचरण सिंह, रमन सिंह और पारसनाथ सिंह शामिल हैं। सभी को लातेहार जेल भेज दिया गया है।
कैसे चला ऑपरेशन
इस ऑपरेशन के लिए वन विभाग ने दो विशेष टीमें गठित की थीं। गारू ईस्ट और छिपादोहर ईस्ट की टीमों ने गहन छापेमारी कर शिकारी गिरोह का नेटवर्क तोड़ा। अभियान का नेतृत्व PTR साउथ के उपनिदेशक कुमार आशीष और PTR नॉर्थ के उपनिदेशक प्रजेश जैन ने किया। अधिकारियों ने बताया कि शिकारी लंबे समय से टाइगर रिजर्व में सक्रिय थे। 9 गिरफ्तारी के बाद फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है और जंगलों में सुरक्षा और निगरानी बढ़ा दी गई है।
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