सुपौल, बिहार से बिष्णु गुप्ता की रिपोर्ट
Bihar flood: सुपौल जिले में नेपाल की ओर से हो रही रुक-रुक कर बारिश के कारण कोसी, तिलयुगा, बिहुल, खाड़ो, खड़ग और सुरसर समेत विभिन्न नदियों का जलस्तर उतार-चढ़ाव कर रहा है। फिलहाल जिले में बाढ़ की स्थिति सामान्य है, लेकिन छातापुर प्रखंड के झखाड़गढ़ पंचायत के वार्ड 8 स्थित धोबी घाट के पास सुरसर नदी पर ग्रामीणों द्वारा बांस से निर्मित चचरी पुल पानी के तेज बहाव में बह गया। लगभग 50 फीट दूरी में बना यह पुल स्थानीय लोगों का एकमात्र सहारा था।
दशकों से यहां पक्के पुल निर्माण की मांग
हाल के दिनों में नवनिर्मित चैनल का बांध भी जगह-जगह टूटकर बह गया है, जिससे नदी की धारा फिर पुराने मार्ग से बहने लगी है। इसके कारण किसानों की भारी क्षति हुई है। चैनल निर्माण के दौरान सुरक्षा बांध के बाहरी हिस्से में किसानों ने पाट की बुआई की थी, जो पानी में बह गई। ग्रामीणों का कहना है कि दशकों से यहां पक्के पुल निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक यह मांग पूरी नहीं हो सकी। बड़े नेताओं और अधिकारियों द्वारा कई बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद ग्रामीण हर साल चंदा जुटाकर चचरी पुल का निर्माण करते रहे हैं।
Pilibhit Tiger Reserve: ड्रोन उड़ाकर वीडियो शूट करना सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को पड़ा भारी
खेती और फसल की रखवाली अब भगवान भरोसे
पुल बह जाने के बाद ग्रामीणों को नदी पार करने के लिए दक्षिण में चुन्नी और उत्तर में महद्दीपुर के पास बने पुलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। झखाड़गढ़ पंचायत के वार्ड 9, 10 और 11 नदी के पूर्वी पार स्थित हैं, जबकि पश्चिमी पार के लोगों की अधिकांश कृषि भूमि भी पूर्वी पार में है। ऐसे में खेती और फसल की रखवाली अब भगवान भरोसे हो गई है।
कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे
छात्रों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है। वार्ड 9, 10 और 11 के बच्चे चचरी के सहारे ही झखाड़गढ़ उच्च माध्यमिक विद्यालय आते-जाते थे। पुल बह जाने से अब उनका आवागमन बाधित हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि सूचना देने के बावजूद अभी तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं, जिससे लोगों में नाराजगी है।
इस संबंध में पूछे जाने पर अंचलाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि चचरी पुल बहने की जानकारी मिली है। स्थल का जायजा लेकर तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा।