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Trump Putin Meeting: फिर हाथ मलते रह गए डोनाल्ड ट्रंप, जिसके लिए बिछाया रेड कार्पेट उसने एक ना सुनी, ‘विश्व शांति दूत’ बनने का एक बार फिर टूट गया सपना!

Trump Putin Meeting: ट्रंप ने भी अलास्का रवाना होने से पहले ऐसे संकेत दिए थे। ख़ुद को दुनिया का शांतिदूत कहने वाले ट्रंप एक बार फिर खाली हाथ रह गए।

By: Ashish Rai | Published: August 16, 2025 6:11:58 PM IST



Trump Putin Meeting: अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच लगभग तीन घंटे चली बैठक में यूक्रेन युद्ध पर कोई समझौता नहीं हो पाया। पूरी दुनिया को उम्मीद थी कि दोनों महाशक्तियों की पहली मुलाक़ात में ही युद्धविराम का रास्ता खुल जाएगा। ट्रंप ने भी अलास्का रवाना होने से पहले ऐसे संकेत दिए थे। ख़ुद को दुनिया का शांतिदूत कहने वाले ट्रंप एक बार फिर खाली हाथ रह गए।

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युद्धविराम पर कोई नतीजा नहीं

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भले ही ट्रंप को मॉस्को आने का न्योता दिया हो, लेकिन एक बात साफ़ है कि दोनों नेताओं की मुलाक़ात युद्धविराम के मोर्चे पर बेनतीजा रही। इस मुलाक़ात से पहले ज़ेलेंस्की को भी डर था कि ट्रंप युद्धविराम के बदले ज़मीन की अदला-बदली की शर्त रखकर यूक्रेन के लिए कोई नई समस्या खड़ी कर सकते हैं।

पुतिन ने ट्रंप को उनके ही रेड कार्पेट पर हरा दिया

ट्रंप-पुतिन मुलाक़ात में असल मुद्दे अनसुलझे रह गए, लेकिन पूरी दुनिया ने उनकी मुलाक़ात को सबसे ज़्यादा अहमियत दी। यही वजह है कि इस मुलाक़ात के बाद पुतिन भू-राजनीति के नायक बनकर उभरे हैं। ट्रंप ने पुतिन को आमंत्रित किया और रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत किया। इतना ही नहीं, ट्रंप ने पुतिन के लिए ताली भी बजाई। हालाँकि यह एक प्रोटोकॉल लग सकता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय राजनीति में शक्ति और कूटनीति के लिहाज से इसका बहुत महत्व है।

अमेरिका ने पहले रूस पर प्रतिबंध लगाए थे। व्लादिमीर पुतिन पर भी अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध वारंट चल रहा है। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और पुतिन ट्रंप की बुलेटप्रूफ कार में बैठकर बैठक स्थल पहुँचे। दोनों नेताओं में से किसी ने भी बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।

रूस फिर से मज़बूती से उभरा

यूक्रेन युद्ध के बाद से ही अमेरिका और यूरोपीय देश रूस को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं। अलास्का में ट्रंप ने जिस तरह पुतिन का स्वागत किया, उससे रूस को एक बड़ी प्रचारात्मक जीत मिली है। अब यह स्पष्ट है कि यूरोपीय देश रूस को अलग-थलग करने में नाकाम रहे। ट्रंप-पुतिन मुलाकात के बाद, रूस एक बार फिर दुनिया भर में कूटनीति की मेज पर बैठ गया।

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