मनीष मेहता की रिपोर्ट, Ranchi : झारखंड की राजनीति के सबसे बड़े नाम और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद आज भी पूरे प्रदेश में शोक की लहर बनी हुई है। इसी कड़ी में शनिवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ उनके पैतृक गांव नेमरा पहुंचे। यहां उन्होंने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की और श्राद्ध भोज में शामिल होकर परिजनों से मुलाकात की। नेमरा गांव में सुबह से ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। दूर-दराज़ से लोग आकर दिशोम गुरु की प्रतिमा और तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन कर रहे हैं। राजनीतिक दलों के नेताओं से लेकर सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि तक लगातार पहुंच रहे हैं।
शिबू सोरेन का योगदान
शिबू सोरेन सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखते थे। उन्हें झारखंड आंदोलन का प्रणेता माना जाता है। आदिवासी समाज की आवाज़ को दिल्ली की संसद तक पहुंचाने में उनकी अहम भूमिका रही। तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और कई बार केंद्रीय मंत्री पद भी संभाला। आदिवासी और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए उनके संघर्ष को हमेशा याद किया जाएगा।
श्रद्धांजलि का माहौल
नेमरा गांव आज श्रद्धा और आंसुओं से भरा हुआ है। गांव के लोग उन्हें पिता तुल्य मानते थे। उनकी सादगी, संघर्ष और नेतृत्व ने झारखंड की राजनीति को नई दिशा दी।