भोपाल (मध्यप्रदेश) से चेतन सेठ की रिपोर्ट, MP News: केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर गुना जिले बमोरी स्थित प्राचीन केदारनाथ मंदिर तक जाने वाले मुख्य मार्ग से जर्जर और खतरनाक हो चुकी चट्टानों को सुरक्षित तरीके से हटाने की मांग की है, जिससे आस्था के केंद्र इस मंदिर को भक्तों के दर्शनार्थ खोला जा सके। ज्ञात हो कि गुना जिले के इस प्रसिद्ध शिव मंदिर को जाने वाला पैदल मार्ग पिछले डेढ़ साल से चट्टानों के खिसकने के कारण बंद पड़ा है। यह प्राचीन मंदिर गुना जिला ही नहीं अपितु आसपास के जिलों के लोगों की आस्था का केंद्र भी है, लेकिन विगत डेढ़ वर्षों से मंदिर जाने के रास्ते का विकल्प ना होने के कारण मंदिर के पट बंद पड़े हैं।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे उक्त पत्र में उन्होंने कहा है कि यह मार्ग लंबे समय से आमजन के लिए बंद है। मार्ग में स्थित विशालकाय चट्टानों की अत्यंत जर्जर स्थिति के कारण कभी भी दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है, जिससे न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा बल्कि मंदिर की संरचना पर भी गंभीर संकट मंडरा रहा है।
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GSI ने क्षेत्र को ‘अत्यधिक संवेदनशील’ घोषित किया
सिंधिया ने अपने पत्र में बताया है कि पूर्व में गुना प्रशासन एवं जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) द्वारा किए गए संयुक्त सर्वेक्षण में इस क्षेत्र को ‘अत्यधिक संवेदनशील (चतुर्थ श्रेणी)’ घोषित किया गया है। उक्त सर्वे रिपोर्ट में मार्ग को तत्काल बंद करने और चट्टान गिरने की घटनाओं को रोकने हेतु सुरक्षा जाली (रॉक कैचर) लगाने की अनुशंसा की गई है।
SDRF से भी मांगी गई मदद
सिंधिया ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि यह कार्य जिला प्रशासन के स्तर पर संभव नहीं है। इसी संदर्भ में जिलाधिकारी द्वारा 11 जुलाई 2025 को राज्य डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF) को पत्र भेजकर तकनीकी एवं संसाधन संबंधी सहायता मांगी जा चुकी है।
स्थानीय आस्था और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए सिंधिया ने कहा है कि चट्टानों को सुरक्षित तरीके से हटाकर मंदिर तक पहुंचने के लिए सुगम एवं सुरक्षित मार्ग शीघ्र बनाया जाए। इससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और स्थानीय धार्मिक आस्था एवं जनभावनाओं का सम्मान भी होगा।