Home > देश > 2006 Mumbai Local Train Blasts: इन रेल की पटरियों पर 189 लोगों की चीखें आज भी सुनाई देती हैं, 19 साल पहले ऐसा क्या हुआ था? 12 हैवानों की करतूत से कांपा था भारत

2006 Mumbai Local Train Blasts: इन रेल की पटरियों पर 189 लोगों की चीखें आज भी सुनाई देती हैं, 19 साल पहले ऐसा क्या हुआ था? 12 हैवानों की करतूत से कांपा था भारत

Mumbai Local Train Bomb Blast Case: 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में 11 मिनट में सात धमाके हुए थे। इन बम धमाकों से पूरी मुंबई दहल गई थी। इस आतंकी हमले में 189 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।

By: Sohail Rahman | Last Updated: July 21, 2025 1:09:13 PM IST



2006 Mumbai Train Blasts Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मुंबई लोकल ट्रेन बम विस्फोट मामले में बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में 11 मिनट में सात धमाके हुए थे। इन बम धमाकों से पूरी मुंबई दहल गई थी। इस आतंकी हमले में 189 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। जबकि 800 से ज्यादा घायल हुए थे। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 7/11 मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामला, 1992 के बम धमाकों के बाद मुंबई में हुआ सबसे बड़ा हमला था।

उच्च न्यायालय ने सभी को किया बरी

निचली अदालत ने 5 दोषियों को मौत की सजा सुनाई है, जबकि सात को उम्रकैद की सजा सुनाई है। लेकिन हाईकोर्ट ने अपने आज के फैसले में सभी को बरी कर दिया था। तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार के आदेश पर गठित एटीएस ने इस मामले में 13 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। जबकि कुछ आरोपी पाकिस्तान भाग गए थे। निचली अदालत ने 2015 में हुए इस धमाके में 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था। इसमें 5 को मौत की सजा और सात को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। सरकार ने पांचों आरोपियों की मौत की सजा की मंजूरी के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था।

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आरोपियों के वकीलों ने दी थी ये दलील

पिछले साल जुलाई में उच्च न्यायालय में छह महीने लंबी सुनवाई हुई थी। आरोपियों के वकीलों ने बताया कि पूछताछ के दौरान महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाने के बाद, आरोपियों के इकबालिया बयान दर्ज किए गए और सबूत के तौर पर पेश किए गए। बचाव पक्ष ने आरोप लगाया कि ये बयान यातना देकर लिए गए थे।

इंडियन मुजाहिदीन की भूमिका

बचाव पक्ष ने मुंबई क्राइम ब्रांच की शुरुआती जांच का उदाहरण दिया। इसमें ट्रेन बम धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) की भूमिका सामने आई थी। इंडियन मुजाहिदीन के एक संदिग्ध को गिरफ्तार भी किया गया था। लेकिन बाद में जांच की दिशा बदल दी गई।

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कब हुए थे लोकल ट्रेनों में बम धमाके?

मायानगरी मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में हर दिन की तरह 11 जुलाई 2006 को भी काफी भीड़ थी। थकान के बावजूद, ऑफिस से घर लौटते लोगों के चेहरों पर राहत थी। फिर 6.24 बजे लोकल ट्रेन में पहला धमाका हुआ और चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। अलग-अलग स्टेशनों पर एक के बाद एक 7 बम धमाके होने पर पुलिस वैन और एम्बुलेंस समेत सभी बचाव एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया। माटुंगा रोड, बांद्रा, खार रोड, माहिम जंक्शन, जोगेश्वरी, भायंदर और बोरीवली रेलवे स्टेशनों पर लगातार सात धमाके हुए।

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