Chaitanya Baghel ED Arrest: छत्तीसगढ़ की राजनीति में उबाल आ गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और ईडी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस वनों की कटाई के खिलाफ लड़ रही है, और अब हमें दबाने की कोशिश की जा रही है। जिन-जिन लोगों ने ये किया उन सबको ऐसे ही परेशान किया जा रहा है। मेरे बेटे को उसके जन्मदिन पर गिरफ्तार किया गया, ठीक वैसे ही जैसे पिछले साल मेरे जन्मदिन पर मेरे सलाहकार को निशाना बनाया गया था। हम न डरेंगे, न झुकेंगे।’
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर गरमाई सियासत
गौरतलब है कि चैतन्य बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। खासकर यह कार्रवाई विधानसभा सत्र के आखिरी दिन हुई। कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया और इसके विरोध में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत समेत सभी विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए जाँच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
#WATCH | On the arrest of his son by ED, Former Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel says, “Congress is fighting against Adani. This strategy has been adopted to muzzle the opposition. They are now targeting my son, so that no one can raise their voice against Adani. We… pic.twitter.com/WvHqh7zYl4
— ANI (@ANI) July 18, 2025
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला क्या है?
ईडी की जाँच के अनुसार, यह घोटाला फरवरी 2019 से शुरू हुआ था। उस समय डिस्टिलरी से हर महीने 800 पेटी शराब भेजी जाती थी, जिसकी आपूर्ति के लिए 200 ट्रक लगाए जाते थे। शुरुआत में हर पेटी की कीमत ₹2,840 बताई गई थी। लेकन जब कार्रवाई का दायरा बढ़ा तो ट्रकों की संख्या 400 तक पहुँच गई और पेटी की कीमत ₹3,880 तक पहुँच गई। ईडी की मानें तो तीन वर्षों में लगभग 60 लाख पेटी शराब अवैध रूप से बेची गई, जिससे लगभग ₹2,174.60 करोड़ का काला धन इकट्ठा किया गया।
चैतन्य बघेल पर क्या आरोप है?
यह मामला छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ा है, जिसमें चैतन्य बघेल पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कहना है कि राज्य में शराब की अवैध बिक्री से हज़ारों करोड़ रुपये कमाए गए और इस रकम को वैध दिखाने के लिए जटिल लेन-देन किए गए। जाँच के दौरान, ईडी को कुछ वित्तीय लेन-देन और बैंक लेनदेन के सबूत मिले हैं, जो चैतन्य बघेल से जुड़े बताए जा रहे हैं। ईडी ने दावा किया है कि इस पूरे घोटाले में एक संगठित नेटवर्क शामिल था, जिसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था। इसी आधार पर चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया गया है।