Home > देश > मोदी सरकार ने बदला PMO का नाम, अब ‘सेवा तीर्थ’ से जाना जाएगा; इन प्रशासनिक परिसर को भी दिया गया नया नाम

मोदी सरकार ने बदला PMO का नाम, अब ‘सेवा तीर्थ’ से जाना जाएगा; इन प्रशासनिक परिसर को भी दिया गया नया नाम

PMO New Name Seva Teerth: नए 'सेवा तीर्थ' परिसर में केवल पीएमओ ही नहीं, बल्कि मंत्रिमंडल सचिवालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) और इंडिया हाउस भी शामिल होंगे.

By: Shubahm Srivastava | Published: December 2, 2025 7:02:07 PM IST



Prime Ministers Office New Name: भारत सरकार द्वारा प्रशासनिक ढांचे और शासन की कार्य संस्कृति में व्यापक वैचारिक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से कई प्रमुख सरकारी परिसरों और संस्थानों के नाम और उनकी पहचान को पुनर्परिभाषित किया जा रहा है. इसी श्रृंखला में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के नए परिसर को अब आधिकारिक रूप से ‘सेवा तीर्थ’ नाम दिया गया है.

यह परिसर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. पूर्व में यह क्षेत्र ‘एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव’ के नाम से जाना जाता था.

‘सेवा तीर्थ’ में शामिल होंगे ये सरकारी परिसर

नए ‘सेवा तीर्थ’ परिसर में केवल पीएमओ ही नहीं, बल्कि मंत्रिमंडल सचिवालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) और इंडिया हाउस भी शामिल होंगे. ‘इंडिया हाउस’ को विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों के साथ उच्च-स्तरीय वार्ता के लिए एक प्रमुख स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है.

अधिकारियों के अनुसार, ‘सेवा तीर्थ’ को सेवा-भावना पर आधारित एक आधुनिक प्रशासनिक केंद्र के रूप में तैयार किया गया है, जहां शासन की प्राथमिकताएं नागरिक-प्रथम दृष्टिकोण के अनुरूप आकार लेंगी.

‘सत्ता’ से ‘सेवा’ की ओर परिवर्तन

अधिकारियों ने यह भी रेखांकित किया कि भारत के सार्वजनिक संस्थान वर्तमान में “शांत लेकिन गहन” बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं. शासन की अवधारणा अब ‘सत्ता’ से ‘सेवा’ की ओर, और अधिकारों से अधिक जिम्मेदारी तथा उत्तरदायित्व पर केंद्रित हो रही है. यह परिवर्तन सिर्फ संरचनात्मक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है.

Gyanvapi dispute: मुसलमान सौंप दें ज्ञानवापी! केके मुहम्मद ने हिन्दुओं से भी की ये ख़ास अपील

‘राजभवन’ का नाम बदलकर ‘लोक भवन’

इसी दृष्टिकोण के अनुरूप राज्यों के राज्यपालों के आधिकारिक आवास ‘राजभवन’ का नाम बदलकर ‘लोक भवन’ रखा जा रहा है, जिससे यह संदेश जाए कि सरकारी संस्थान जनता की सेवा के लिए हैं, न कि विशिष्टता या पद-प्रतिष्ठा के प्रतीक. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शासन प्रणाली में पारदर्शिता, कर्तव्य और नागरिक-सेवा आधारित दृष्टिकोण को नए प्रतीकों और नामों के माध्यम से मजबूत किया जा रहा है.

मोदी सरकार में अभी तक बदले गए नाम

पिछले वर्षों में भी कई महत्वपूर्ण नाम परिवर्तन इसी सोच के तहत किए गए हैं. ‘राजपथ’ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ रखा गया, जिससे शासन के कर्तव्य-केंद्रित चरित्र को बल मिलता है. प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास का नाम 2016 में लोक कल्याण मार्ग रखा गया, जो कल्याण और सेवा की भावना पर जोर देता है.

इसके अतिरिक्त, केन्द्रीय सचिवालय को ‘कर्तव्य भवन’ के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो इस विचार पर आधारित है कि सार्वजनिक सेवा एक प्रतिबद्धता है. अधिकारियों ने कहा कि ये बदलाव किसी सतही पुनर्नामकरण भर नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में उभरते गहरे वैचारिक परिवर्तन के प्रतीक हैं, जहां सत्ता की बजाय जिम्मेदारी और पद की बजाय सेवा को प्राथमिकता दी जा रही है.

Operation Sindoor: पाकिस्तान पर कब होगा हमला? नौसेना प्रमुख ने किया इशारा

Advertisement