Home > विदेश > Tariff War: ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ शी जिनपिंग का मास्टर प्लान! ‘सीक्रेट लेटर’ लिखकर भारत से मांगी मदद

Tariff War: ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ शी जिनपिंग का मास्टर प्लान! ‘सीक्रेट लेटर’ लिखकर भारत से मांगी मदद

XI Jinping secret letter: चीन के साथ तो ट्रंप की खींचतान चल ही रही थी। अब उन्होंने अपनी टैरिफ नीति के चलते भारत को भी परेशान करने की कोशिश की। इस बीच खबर आई है कि ट्रंप के टैरिफ से निपटने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत को एक गुप्त पत्र लिखा था। जिसका अब पांच महीने बाद खुलासा हुआ है।

By: Deepak Vikal | Last Updated: August 28, 2025 8:05:35 PM IST



India China Relations: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ सनक दुनिया भर के कई देशों के लिए एक चुनौती बन गई है। फिर चाहे वो यूरोपीय देश हों क्या फिर एशियाई मुल्क। चीन के साथ तो ट्रंप की खींचतान चल ही रही थी। अब उन्होंने अपनी टैरिफ नीति के चलते भारत को भी परेशान करने की कोशिश की। इस बीच खबर आई है कि ट्रंप के टैरिफ से निपटने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत को एक गुप्त पत्र लिखा था। ब्लूमबर्ग ने इस गुप्त पत्र का खुलासा 5 महीने बाद किया है। इस खुलासे के मुताबिक इस पत्र में जिनपिंग ने भारत से इस लड़ाई में शामिल होने और अमेरिका के खिलाफ मजबूती से लड़ने का आह्वान किया था।

भारत की राष्ट्रपति को लिखा था पत्र 

ब्लूमबर्ग की मानें तो जिनपिंग ने यह गुप्त पत्र मार्च 2025 में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा था। पत्र में जिनपिंग ने ट्रंप के टैरिफ से निपटने की पूरी योजना साझा की। जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की दिशा में काम करने की भी बात कही थी।

जिनपिंग ने इस पत्र में एक व्यक्ति का ज़िक्र किया है। जिनपिंग के अनुसार, यह व्यक्ति पूरे समझौते में अहम भूमिका निभा सकता है। ब्लूमबर्ग ने यह नहीं बताया है कि वह व्यक्ति कौन है?

जिनपिंग ने भारत से अपील क्यों की?

ब्लूमबर्ग ने भारतीय राजनयिकों के हवाले से बताया – उस समय चीन और अमेरिका टैरिफ की लड़ाई लड़ रहे थे। जिनपिंग इस लड़ाई में कमज़ोर नहीं पड़ना चाहते थे। इसलिए उन्होंने सीधे भारत से संपर्क किया। जिनपिंग पूरे मामले को गुप्त रखना चाहते थे। जिनपिंग ने पत्र में अमेरिकी व्यापार समझौते को चीन के हितों के लिए हानिकारक बताया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने जून 2025 तक जिनपिंग के गुप्त पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। भारत पूरे मामले पर चुप रहा। जब दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध समाप्त हुआ, तब भारत ने चीन के साथ संबंध ठीक करने की चीनी पहल पर प्रतिक्रिया दी। इसके तहत भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल चीन गए। चीन के विदेश मंत्री वांग यी नई दिल्ली आए।

ट्रंप की 2 गलतियों के कारण भारत और चीन एक साथ आए

ब्लूमबर्ग ने अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों के हवाले से लिखा है – ट्रंप ने 2 बड़ी गलतियाँ कीं। एक, उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम को लेकर कथित दावे किए, जिसमें पाकिस्तान ने युद्ध रोकने की बात कही। इस दावे से भारत नाराज़ हो गया। इसके तुरंत बाद ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही। इसके चलते भारत और अमेरिका के रिश्ते अब पहले जैसे नहीं रहे।

अमेरिका में गोलियों की तड़तड़ाहट से कांप उठे लोग, स्कूल में फायरिंग में 2 बच्चों की मौत 17 घायल

रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप की दो गलतियों के कारण अमेरिका ने दक्षिण एशिया में अपना सबसे पुराना दोस्त खो दिया। इस गलती का नतीजा यह हुआ कि भारत और चीन के बीच कूटनीतिक बातचीत शुरू हुई और अब दोनों देश व्यापार शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

Trump Tariff on India: पहले की धोखेबाजी, अब अचानक बदला सुर… भारत पर 50% टैरिफ लागू होने के बाद क्या बोला अमेरिका?

Advertisement