US president donald trump: भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को खत्म हुए तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा अब भी कायम है। दावा यह है कि दोनों देशों के बीच युद्धविराम उनकी पहल से ही संभव हुआ। ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि यह लड़ाई परमाणु युद्ध में बदल सकती थी।
हालांकि, भारत का कहना है कि युद्धविराम का फैसला दोनों देशों के सैन्य प्रमुखों (DGMO) के बीच सीधे संवाद से हुआ था। गुरुवार (14 अगस्त, 2025) को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में फिर दोहराया कि उनके हस्तक्षेप से ही यह विवाद रुका।
अब क्या कहा ट्रंप ने?
उनका यह दावा भी ऐसे समय में आया है जब उन्होंने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एक-दूसरे को मार गिरा रहे थे। छह-सात विमान मार गिराए गए। स्थिति इतनी तनावपूर्ण थी कि वे शायद परमाणु हथियार इस्तेमाल करने पर उतारू थे, लेकिन हमने मामला सुलझा लिया।
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि पिछले छह महीनों में उन्होंने छह युद्ध समाप्त किए हैं और उन्हें इस पर गर्व है। 10 मई को उन्होंने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। तब से, उन्होंने यह दावा कई बार दोहराया है। ट्रंप के अनुसार, उन्होंने दोनों परमाणु शक्तियों से कहा कि अगर वे युद्ध बंद कर दें, तो अमेरिका उनके साथ खूब व्यापार करेगा।
पुतिन के साथ अहम बैठक से पहले बयान
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब वह आज 15 अगस्त को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने वाले हैं। इस बैठक का उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का प्रयास बताया जा रहा है। ट्रंप ने कहा है कि मुझे लगा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना सबसे आसान होगा, लेकिन यह सबसे कठिन निकला। अगर मैं राष्ट्रपति नहीं होता, तो पुतिन पूरे यूक्रेन पर कब्ज़ा कर लेते। यह युद्ध नहीं होना चाहिए था। ट्रंप ने आगे कहा कि ज़्यादा महत्वपूर्ण बैठक उनकी दूसरी बैठक होगी जिसमें पुतिन, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और वह स्वयं भाग लेंगे।