Tuvalu people migrating Australia: प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश तुवालु की पूरी आबादी को ऑस्ट्रेलिया पलायन करना पड़ रहा है। यह पहली बार होगा जब किसी देश की पूरी आबादी योजनाबद्ध तरीके से पलायन कर रही है। बढ़ते समुद्र स्तर के कारण तुवालु डूबने के कगार पर है, इसलिए लोगों को अपनी जान बचाने के लिए पलायन करना पड़ रहा है। ऐसे में तुवालु का ऑस्ट्रेलिया के साथ एक समझौता हुआ है, जिसके तहत तुवालु के लोग ऑस्ट्रेलिया में बस सकेंगे।
वायर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, तुवालु में बढ़ते समुद्र स्तर को देखते हुए, देश ने यहाँ के लोगों को ऑस्ट्रेलिया में बसाने का फैसला किया है। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि 25 वर्षों के भीतर तुवालु की पूरी ज़मीन जलमग्न हो जाएगी।
हर साल इतने तुवालु नागरिक शिफ्ट हो रहे ऑस्ट्रेलिया
वर्ष 2023 में तुवालु और ऑस्ट्रेलिया के बीच फेलेपी संघ संधि पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत एक जलवायु प्रवास कार्यक्रम बनाया जा रहा है। इसके तहत हर साल तुवालु के 280 नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया का स्थायी नागरिक बनाया जाएगा। साथ ही, उन्हें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, घर और नौकरी जैसी सुविधाएँ भी मिलेंगी। इसका पहला चरण 16 जून से 18 जुलाई के बीच पूरा हो चुका है। तुवालु स्थित ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग ने बताया कि लोग इसमें काफ़ी रुचि दिखा रहे हैं और अब तक 8,750 पंजीकरण हो चुके हैं। 25 जुलाई को 280 लोगों का चयन बैलेट पेपर के ज़रिए किया गया है, जो इसी साल प्रवास करेंगे।
तुवालु प्रशांत महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीपीय देश है, जिसमें नौ प्रवाल द्वीप और एटोल हैं। एटोल वलय के आकार के द्वीप होते हैं। यह देश समुद्र से सिर्फ़ 16 फ़ीट की ऊँचाई पर है, जिससे जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़ और समुद्री तूफ़ान आने का ख़तरा बना रहता है और यह समुद्र के प्रति बेहद संवेदनशील है। यहाँ की आबादी 11 हज़ार से थोड़ी ही ज़्यादा है।
80 सालों में पूरी तरह से निर्जन हो जाएगा यह देश
तुवालु पृथ्वी पर सबसे ज़्यादा जलवायु संकट से प्रभावित जगहों में से एक है। वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि आने वाले 80 सालों में यह देश पूरी तरह से निर्जन हो जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार, इसके नौ प्रवाल एटोल में से दो जलमग्न हो चुके हैं। तुवालु के प्रधानमंत्री फेलेटी तियो ने दुनिया भर के देशों से देश की स्थिति पर ध्यान देने और बढ़ते समुद्र स्तर का सामना कर रहे देशों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक नई अंतर्राष्ट्रीय संधि बनाने का आग्रह किया है।
नासा की समुद्र स्तर परिवर्तन टीम ने भी तुवालु के बारे में कुछ निष्कर्ष निकाले हैं और कहा है कि वर्ष 2023 में यहाँ का जल स्तर पिछले 30 वर्षों की तुलना में 15 सेंटीमीटर अधिक था। यदि समुद्र स्तर इसी गति से बढ़ता रहा, तो 2050 तक यहाँ की पूरी ज़मीन पानी में डूब जाएगी और समुद्र सभी बुनियादी ढाँचों को भी निगल जाएगा।