Putin On US Sanctions: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नए अमेरिकी प्रतिबंधों को खारिज कर दिया है और कहा कि इनका रूस की अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि “कोई भी स्वाभिमानी देश दबाव के आगे नहीं झुकता.” पुतिन ने अमेरिका पर बार-बार प्रतिबंधों को राजनीतिक दबाव के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, लेकिन कहा कि यह रणनीति कामयाब नहीं होगी.
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी प्रशासन के भीतर कुछ लोग रूस के तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर ज़ोर दे रहे हैं, जबकि यह स्पष्ट नहीं है कि “ये किसके हितों की पूर्ति कर रहे हैं.”
अमेरिका ने दो रूसी तेल कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
यह बयान अमेरिका द्वारा रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर नए प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद आया है. ये प्रतिबंध यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस पर दबाव बढ़ाने के अमेरिकी प्रयास का हिस्सा हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इन प्रतिबंधों को “बहुत बड़े और महत्वपूर्ण” बताते हुए कहा कि इनका उद्देश्य रूस को बातचीत के लिए मजबूर करना है. उन्होंने नाटो महासचिव मार्क रूट के साथ एक बैठक में कहा कि “हम नहीं चाहते कि युद्ध जारी रहे, बल्कि हम चाहते हैं कि रूस अपनी पुरानी रणनीति पर लौट आए.”
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जब्त होंगी कंपनी की संपत्तियां
अमेरिकी वित्त विभाग के अनुसार, इन प्रतिबंधों से दोनों रूसी कंपनियों की अमेरिकी संपत्तियां जब्त हो जाएंगी और अमेरिकी नागरिक व संस्थान उनके साथ व्यापार नहीं कर पाएंगे. इसका उद्देश्य रूस की युद्ध के लिए धन जुटाने की क्षमता को सीमित करना और उसकी अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करना है.
रूस-अमेरिका शिखर सम्मेलन स्थगित
इस बीच, पुतिन ने पुष्टि की है कि बुडापेस्ट में प्रस्तावित रूस-अमेरिका शिखर सम्मेलन स्थगित कर दिया गया है. यह बैठक मूल रूप से अमेरिकी प्रस्ताव पर निर्धारित थी. उन्होंने कहा कि “बिना पर्याप्त तैयारी के शिखर सम्मेलन में जाना एक भूल होगी,” लेकिन उन्होंने भविष्य में वार्ता की संभावना से इनकार नहीं किया. पुतिन ने कहा कि “टकराव से बातचीत हमेशा बेहतर होती है” और अगर अमेरिका अपनी दबाव की नीति छोड़ दे, तो दोनों देश कई क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं.