Vikram misri: चीन के तियानजिन में हो रहे SCO सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कई देशों के नेताओं से मुलाक़ात की। इस दौरान PM मोदी ने चीनी जनवादी गणराज्य के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन नेताओं से मुलाक़ात कि कुछ तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर भी जारी की है। उन्होंने तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि इन बैठकों में व्यापार, ऊर्जा, सुरक्षा और आपसी सहयोग जैसे कई अहम मुद्दों पर बात हुई ”
इस सम्मलेन में भारत के लिए ख़ास बात यह है कि PM मोदी 7 साल बाद चीन के दौरे पर गए हैं। आपको बता दें कि इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “प्रधानमंत्री यहां आयोजित हो रहे SCO शिखर सम्मेलन के लिए तियानजिन की यात्रा पर हैं… आज सुबह प्रधानमंत्री का पहला कार्यक्रम चीनी जनवादी गणराज्य के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक थी। हमने उस बैठक पर एक बयान जारी किया है। एक साल से भी कम समय में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी बैठक है। उनकी पिछली बैठक पिछले साल अक्टूबर में कज़ान में हुई थी, जहां उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए कुछ रणनीतिक दिशानिर्देश निर्धारित किए थे और दोनों पक्षों द्वारा प्राप्त किए जाने वाले कुछ लक्ष्य निर्धारित किए थे।
https://x.com/AHindinews/status/1962151981574930668
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बैठक पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति शी को 2026 में भारत द्वारा आयोजित ब्रिक शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया। राष्ट्रपति शी ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए चीन का पूर्ण समर्थन देने की पेशकश की।”
PM Modi in China: पीएम मोदी-जिनपिंग की बैठक पर ओवैसी ने कसा तंज, बोले-‘फोटो खिंचवाने का मौका…’
उन्होंने आगे कहा “बहुपक्षीय मंचों सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों और चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने एससीओ की वर्तमान अध्यक्षता और तियानजिन में होने वाले आगामी शिखर सम्मेलन के लिए चीन का समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति शी को 2026 में भारत द्वारा आयोजित ब्रिक शिखर सम्मेलन में भी आमंत्रित किया। राष्ट्रपति शी ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए चीन का पूर्ण समर्थन देने की पेशकश की।”
प्रधानमंत्री का चीन दौरा कई मायनों में ख़ास है क्योंकि सीमा विवाद के कारण भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति थी। ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री का चीन के लिए दौरा भी नहीं हो रहा था। मालूम हो कि अमेरिका के साथ टेंशन के बाद चीनी विदेश मंत्री का भारत दौरे पर आना और फिर PM मोदी का चीन दौरे पर जाना, राजनितिक सुलह की ओर जरूर इशारा कर रहा है।