Hezbollah- Saudi Arabia Relations: सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ एक रणनीतिक आपसी रक्षा समझौता (SMDA) किया है. यह समझौता कतर पर कथित इजराइली हमले (Israel Strikes Qatar) के बाद हुआ है, जिससे लगता है कि यह इजराइल से बढ़ते खतरे के जवाब में किया गया है. अब, हिजबुल्लाह (Hezbollah) ने भी सऊदी अरब से संपर्क किया है और इजराइल के खिलाफ सहयोग और एक साझा मोर्चा बनाने का प्रस्ताव दिया है. हिजबुल्लाह प्रमुख क़ासिम (Hezbollah Chief Qassem) ने सऊदी अरब से हिजबुल्लाह के साथ तीन सिद्धांतों पर आधारित एक नया अध्याय शुरू करने का आग्रह किया है.
हिजबुल्लाह प्रमुख नईम कासिम ने क्या कहा? (What did Hezbollah leader Naim Qassem say?)
विवादों को सुलझाने और चिंताओं को दूर करने के लिए बातचीत, यह स्वीकार करना कि इजराइल दुश्मन है, न कि प्रतिरोध और अतीत के मतभेदों को भुला देना. कासिम ने जोर देकर कहा कि हिजबुल्लाह के हथियार केवल इजराइल को निशाना बनाते हैं, लेबनान, सऊदी अरब या किसी अन्य देश या पार्टी को नहीं.
हिजबुल्लाह और सऊदी अरब के बीच दुश्मनी क्यों है? (Why is there enmity between Hezbollah and Saudi Arabia?)
सऊदी अरब और हिजबुल्लाह के बीच (saudi arabia hezbollah relations) तनाव कई सालों से है, जो सऊदी अरब और हिजबुल्लाह के मुख्य समर्थक ईरान के बीच व्यापक प्रतिद्वंद्विता से पैदा हुआ है. सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) ने 2016 में हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन घोषित किया था, क्योंकि उसका मानना था कि हिजबुल्लाह सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की ओर से सीरियाई गृहयुद्ध में शामिल था और यमन में हूति विद्रोहियों का समर्थन करता था.
हिजबुल्लाह से हथियार छोड़ने की मांग (Demand that Hezbollah lay down its weapons)
हाल ही में, अमेरिका लेबनानी सरकार पर हिजबुल्लाह को हथियार छोड़ने का दबाव डाल रहा है, जिसे हिजबुल्लाह ने खारिज कर दिया है. अपने बयान में कासिम ने चेतावनी दी कि हिजबुल्लाह पर कोई भी दबाव केवल इजराइल को फायदा पहुंचाएगा और अगर हिजबुल्लाह को खत्म कर दिया गया, तो अगले निशाने पर दूसरे देश होंगे.
इजराइल ने कतर पर किया हमला (israel strikes on qatar)
हाल ही में, इजराइल ने कतर की राजधानी दोहा पर (israel strikes on qatar) हमला किया, जिसको लेकर इजराइल ने दलील दी कि उन्होंने हमास के आतंकियों को निशाना बनाने के लिए हमला किया. जिसके बाद 50 से अधिक मुस्लिम देशों की बैठक कतर में हुई. कतर पर इजराइल के हमले के बाद सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रक्षा समझौता हुआ है, जिसके तहत दोनों में से किसी भी एक देश पर हमला दोनों देशों पर हमला माना जाएगा. इसके अलावा, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस समझौते के तहत परमाणु हथियार बनाने में सऊदी अरब की मदद करेगा.
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