Russia top companies: अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक ऐसे फैसले ले रहे हैं। जिससे दुनिया के अलग-अलग देशों के अलावा भारत पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। दरअसल, अमेरिका ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। जिससे भारत और अमेरिका के रिश्ते में थोड़ी दरार पड़ती हुई नजर आ रही है। भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वॉर के बीच रूस से भारत की दोस्ती एक बार फिर मजबूत होती हुई नजर आ रही है। हालांकि, भारत और रूस की दोस्ती पहले से ही अच्छी है।
रूस ने भारत का दिया साथ
एक तरफ जहां अमेरिका भारत पर टैरिफ बम फोड़ रहा है, वहीं रूस भारत के साथ मजबूती के साथ खड़ा नजर आ रहा है। रूस ने भारत को सस्ती दरों पर तेल देने का वादा कर रहा है, बल्कि रक्षा सहयोग में भी कदम बढ़ा रहा है। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि किन बड़ी कंपनियों के दम पर रूस विश्व अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति में एक मजबूत खिलाड़ी बना हुआ है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, रूस की सबसे मूल्यवान कंपनी गैजप्रॉम (Gazprom PJSC) है, जिसका मार्केट कैप 64 अरब डॉलर है। गैजप्रॉम रूस की सबसे बड़ी और रणनीतिक कंपनी मानी जाती है, जो यूरोप को प्राकृतिक गैस बेचकर भारी राजस्व कमाती है।
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रूस की बड़ी कंपनियां
गैजप्रॉम के बाद दूसरे स्थान पर रोसनेफ्ट ऑयल है, जिसका मार्केट कैप 49 अरब डॉलर है। यह एक सरकारी तेल कंपनी है, जो चीन समेत कई देशों में अपना कारोबार बढ़ा रही है। रूस की Sberbank तीसरे स्थान पर आती है, जिसका मार्केट कैप 34 अरब डॉलर है। यह रूस का सबसे बड़ा बैंक है, जिसके लाखों खुदरा और कॉर्पोरेट ग्राहक हैं। इसके अलावा, लुकोइल OAO और नोवाटेक OAO भी रूस की शीर्ष कंपनियों में शामिल हैं। लुकोइल दुनिया की सबसे बड़ी ऊर्ध्वाधर रूप से एकीकृत तेल और गैस कंपनियों में से एक है, जबकि नोवाटेक रूस की दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस उत्पादक है।
रूस के लिए क्यों महत्वपूर्ण है गैजप्रॉम?
रूस की अर्थव्यवस्था में गैजप्रॉम का वही स्थान है जो अमेरिका में एप्पल या माइक्रोसॉफ्ट का है। यह कंपनी न केवल किफायती दरों पर घरेलू ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करती है, बल्कि यूरोप और एशिया को गैस की आपूर्ति करके रूस की राजनीतिक पकड़ को भी मजबूत करती है।