India-Russia Ties: रूस के मिशन उप-प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने बुधवार को नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि रूस ने भारत को अपने निर्यात का विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया है, खासकर अगर नई दिल्ली को अमेरिकी बाज़ार तक पहुँचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने रूसी कच्चे तेल की निरंतर खरीद को लेकर वाशिंगटन द्वारा भारत पर डाले जा रहे दबाव को अनुचित और एकतरफा बताया।
बाबुश्किन की यह टिप्पणी अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच भारत के साथ आर्थिक संबंधों को मज़बूत करने के मास्को के इरादे का संकेत देती है।
भारत पर अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाने पर, भारत स्थित रूसी दूतावास के प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने एएनआई के अनुसार कहा, “..अगर भारतीय वस्तुओं को अमेरिकी बाज़ार में प्रवेश करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो रूसी बाज़ार भारतीय निर्यात का स्वागत कर रहा है…”
भारत पर ट्रंप का टैरिफ बम
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें 25% अतिरिक्त शुल्क विशेष रूप से भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की निरंतर खरीद पर लक्षित है। यह नया उपाय 27 अगस्त से लागू होने वाला है।
मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में, ट्रंप की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने व्यापक भू-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में टैरिफ की रूपरेखा प्रस्तुत की और यूक्रेन में लगभग चार साल से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, लेविट ने कहा, “राष्ट्रपति इस युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करना चाहते हैं।”
#WATCH | Delhi | On US sanctioning 50% tariff on India, Roman Babushkin, Chargé d’Affaires of the Russian Embassy in India, says, “..If Indian goods are facing difficulties entering the US market, the Russian market is welcoming Indian exports…” pic.twitter.com/DjeUdmSYbJ
— ANI (@ANI) August 20, 2025
अलास्का में नहीं बनी बात
अलास्का में ट्रंप के साथ हुई बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से फोन बात की है। राष्ट्रपति पुतिन ने अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात के बारे में अपना आकलन भी साझा किया।
राष्ट्रपति ट्रंप और पुतिन के बीच अलास्का में तीन घंटे चली बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई, इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों नेताओं ने बातचीत के बाद सिर्फ 12 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिस दौरान उन्होंने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
ट्रंप ने बस इतना कहा कि बैठक सकारात्मक रही। हालांकि, अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। इसके अलावा, रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि युद्ध को समाप्त करने के लिए असली वजह को खत्म करना ज्यादा जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब युद्ध शुरू हुआ था, अगर ट्रंप राष्ट्रपति होते तो शायद यह युद्ध शुरू ही न होता। युद्धविराम पर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। युद्धविराम को लेकर ट्रंप और पुतिन की अगली बैठक मॉस्को में होगी। हालांकि, अभी समय तय नहीं हुआ है।