SCO summit 2025: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चीन दौरा कई मायनों में ख़ास है। PM मोदी करीब सात साल बाद चीन पहुंचे हैं। इस बार उनकी यह यात्रा सिर्फ़ औपचारिक ही नहीं है, बल्कि रणनीतिक रूप से भी बेहद अहम मानी जा रही है। वह SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन के तियानजिन शहर पहुँचे हैं। इस यात्रा के दौरान वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाक़ात करेंगे।
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और अमेरिका के संबंधों में खटास आ गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर दोगुना टैरिफ़ लगा दिया है और रूसी तेल की ख़रीद पर 25% का अतिरिक्त शुल्क भी लगा दिया है।
हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार तियानजिन में हो रही इस बातचीत को अमेरिका से दूरी के तौर पर और चीन व रूस से बढ़ती नजदीकी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। साथ ही, रूस-भारत-चीन (RIC) तंत्र के तहत किसी भी स्तर पर बातचीत की कोई योजना नहीं है।
PM मोदी जापान से सीधे चीन पहुँचे
मालूम हो कि मोदी इससे पहले जापान में थे, जहाँ उन्होंने जपान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ कई आर्थिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। वहीँ जापान ने अगले 10 वर्षों में भारत में 68 अरब डॉलर अगर भारतीय रुपयों में बात की जाए तो लगभग 5.6 लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, दोनों देशों ने आर्थिक सुरक्षा पहल भी शुरू की है, ताकि अमेरिकी व्यापार नीति से पैदा हुई अनिश्चितता आसानी से निपटा जाए सके।
भारत-चीन संबंधों में नया मोड़?
नरेन्द्र मोदी और शी जिनपिंग रविवार 31 अगस्त को मुलाकात करेंगे। आपको बता दें कि यह मुलाकात 2020 में एलएसी पर सैन्य तनाव के बाद दोनों देशों के संबंधों को पटरी पर लाने का एक अहम प्रयास भी माना जा रहा है। इस बातचीत में सीमा पर शांति बनाए रखने, सीधी उड़ानों की बहाली और व्यापार को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। मालूम हो कि हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत आए थे, जहाँ दोनों देशों ने कई समझौतों पर सहमति भी जताई थी।
SCO शिखर सम्मेलन में क्या होगा खास? (What will be special in the SCO summit?)
एससीओ शिखर सम्मेलन में मोदी के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से भी मुलाकात करने की संभावना है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों नेताओं की यह पहली आमने-सामने की मुलाकात हो सकती है।
मोदी सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। वार्ता में रूसी तेल खरीद पर अमेरिकी दबाव, भारत-रूस रक्षा सहयोग और दिसंबर में पुतिन की भारत यात्रा की तैयारियों जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।