भारत और ब्रिटेन के बीच कूटनीतिक रिश्ते एक नए मोड़ पर हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात ने दोनों देशों के बीच सहयोग और रणनीतिक साझेदारी की नई दिशा दी है. इस दौरे के दौरान आतंकवाद, व्यापार और भविष्य की साझेदारी पर किए गए अहम फैसले पूरे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चर्चा का विषय बन गए हैं. आगे पढ़िए, कैसे यह यात्रा भारत-ब्रिटेन संबंधों में नई ऊँचाइयों को छू सकती है.
दरअसल , ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर 8 से 9 अक्टूबर तक भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं. इस मुलाकात ने दोनों देशों के संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे साझा मूल्यों से बंधे “स्वाभाविक साझेदार” हैं. स्टारमर ने कहा कि भारत के साथ एक “नई, आधुनिक साझेदारी” शुरू हो गई है, जो भविष्य के अवसरों पर केंद्रित है.
आतंकवाद के विरुद्ध भारत-ब्रिटेन एकजुटता
एक संयुक्त बयान में, दोनों नेताओं ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएँ मानवता के विरुद्ध अपराध हैं। भारत और ब्रिटेन ने न केवल आतंकवाद, बल्कि सीमा पार आतंकवाद की भी निंदा की. दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों, आतंकवादियों और उनके वित्तीय समर्थकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया. यह साझा रुख पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव को और बढ़ा सकता है, क्योंकि बयान में स्पष्ट रूप से “सीमा पार आतंकवाद” का उल्लेख किया गया है.
व्यापार समझौते पर भी प्रगति देखी गई
बैठक में, दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) के शीघ्र अनुसमर्थन की आशा व्यक्त की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए “गेम चेंजर” साबित होगा. स्टार्मर ने कहा कि ब्रिटेन भारत में निवेश और नवाचार के नए अवसर देखता है. इस समझौते से आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है.
राजनयिक संबंधों में नई गति
स्टार्मर ने यह भी कहा कि जुलाई में यूनाइटेड किंगडम में प्रधानमंत्री मोदी की मेज़बानी करना उनके लिए सम्मान की बात थी और उन्हें भारत वापस आकर गर्व है. उन्होंने कहा कि “भारत और ब्रिटेन के रिश्ते अब सिर्फ़ इतिहास से नहीं, बल्कि भविष्य की साझेदारी से परिभाषित होंगे.” विशेषज्ञ इस मुलाक़ात को भारत-ब्रिटेन संबंधों में एक “नए सुनहरे अध्याय” की शुरुआत मान रहे हैं.
हमास ने ट्रंप को दिया धोखा! शांति समझौते के एलान के बाद आतंकी संगठन ने कर दिया खेला, मचा हड़कंप