Categories: विदेश

अमेरिका के लिए ‘रखैल’ के किरदार में आ गया था पाकिस्तान, 20 साल बाद सामने आई ‘गिरवी’ मुशर्रफ की हकीकत

Pervez Musharraf: मुशर्रफ़ ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की चाबियां अमेरिका को सौंप दी थीं. अमेरिकी खुफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाको ने इस मामले का खुलासा किया है.

Published by Heena Khan

Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ के बारे में एक ऐसा खुलासा हुआ है जो काफी हैरान कर देने वाला है. बताया जा रहा है कि मुशर्रफ़ ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की चाबियां अमेरिका को सौंप दी थीं. अमेरिकी खुफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाको ने इस मामले का खुलासा किया है. जॉन का कहना है कि अमेरिका ने एक तरह से पाकिस्तान पर करोड़ों डॉलर लुटाकर मुशर्रफ़ को खरीद लिया था. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि 2002 में भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार पर थे. हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हमला हुआ था.

गद्दारों से भरा हुआ है पाकिस्तान

दरअसल, किरियाको ने एक साक्षात्कार में बताया कि पाकिस्तान भ्रष्टाचार में बुरी तरह डूबा हुआ था. पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो उस समय खाड़ी देशों में एक शानदार लाइफस्टाइल जी रही थीं. इस दौरान, पाकिस्तान में आम लोग भुखमरी के कगार पर आ गए थे. इतना ही नहीं किरियाको ने 15 साल तक CIA में भी काम किया. वहीं शुरुआत में उन्होंने एक विश्लेषक के रूप में भी काम किया और बाद में आतंकवाद-निरोध पर काम किया. जॉन की माने तो उस समय जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ के शासन में पाकिस्तानी सरकार के साथ उनके संबंध काफी खास थे.

Related Post

अमेरिका ने मुशर्रफ़ को ऐसे बनाया रखैल!

इस दौरान जॉन ने कहा, “सच कहूं तो, अमेरिका को तानाशाहों के साथ काम करना पसंद था. ऐसा इसलिए था क्योंकि ऐसे हालात में आपको आम जनता की राय की चिंता नहीं करनी पड़ती. आपको मीडिया के बारे में भी सोचने की ज़रूरत नहीं होती. इस तरह, हमने एक तरह से मुशर्रफ़ को ख़रीद लिया था. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका जो चाहे कर सकता था. मुशर्रफ़ कुछ नहीं कर सकते थे. इसके अलावा जॉन ने आगे कहा कि हमने पाकिस्तान को लाखों डॉलर भी दिए थे. 

सेना को खुश करने में लगे थे मुशर्रफ

किरियाकू का कहना है कि मुशर्रफ़ का पूरा ध्यान सेना को खुश रखने पर था. उन्होंने अमेरिका के साथ गठबंधन का दिखावा किया और यहां तक कि भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए काम करने का दिखावा भी किया, जबकि असल में वो उन्हें बढ़ावा दे रहे थे. उन्होंने बताया कि मुशर्रफ़ के कार्यकाल में सेना को अल-क़ायदा की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी. उन्हें सिर्फ़ भारत की चिंता थी.

तूफान और आस्था की डुबकी! आसानी से नहीं गुजरेगा इस बार का ‘महापर्व’, बिहार मे छठ के दिन आसमान से बरसेगी आफत

Heena Khan
Published by Heena Khan

Recent Posts

भगवान का पैसा खाकर मोटे हो रहे थे बैंक? सुप्रीम कोर्ट ने मारा करारा तमाचा! जानिए क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि मंदिर का पैसा सिर्फ देवता का है. जिसके…

December 5, 2025

World Dirtiest Cities: तेल, धुआं और गंदगी…ये हैं दुनिया के 5 सबसे गंदे शहर! लिस्ट में टॉप पर है इस देश की राजधानी

World Pollution Ranking Cities: इन शहरों में प्रशासन की उदासीनता, औद्योगिक कचरे का गलत प्रबंधन…

December 5, 2025

Akhuratha Sankashti 2025: पापों के नाश और कार्यों में सफलता के लिए रखें अखुरथ संकष्टी का व्रत

Akhuratha Sankashti 2025 Date: चतुर्थी तिथि हर महीने आती है. पौष महीने में आने वाली…

December 5, 2025