Kim Jong Un Special Train: सुपर पावर अमेरिका और रूस के राष्ट्रपति किसी दूसरे देश की यात्रा हवाई जहाज से करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं से इतर उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन (kim jong un) हवाई जहाज से नहीं बल्कि ट्रेन से दूसरे देशों की यात्रा करते हैं। हाल ही में चीन की यात्रा ट्रेन से करके किम जोंग उन ने सबकी चौंका दिया है। आपको बता दें कि किम जोंग उन की ये ट्रेन किसी किले से कम नहीं है, सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था को देखकर आप कहेंगे इसमें तो परिंदे भी पर नहीं मार सकते हैं।
20 घंटे का सफर कर चीन पहुंचे किम जोंग उन (Kim Jong Un reached China after a 20-hour journey
दुनिया के बड़े-बड़े नेता जहां दूसरे देशों की यात्रा हवाई जहाज से करना पसंद करते हैं, वहीं किम जोंग उन ने ट्रेन से चीन की यात्रा करके सबको चौंका दिया है। किम जोंग अपनी बख्तरबंद ट्रेन के माध्यम से उत्तर कोरिया की राजधानी से 20 घंटे का सफर तय करके सोमवार शाम चीन पहुंचे। किम जोंग उन की यह खास हरे रंग की ट्रेन किसी किले से कम नहीं है। इसमें वो सारी सुविधाएं मौजूद हैं जो किसी राजा के किले में होती हैं। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हमले की स्थिति में नेता को ट्रेन में ही बचाया जा सके। इसे सुरक्षा की दृष्टि से बनाया गया है। आपको बता दें कि इस खास ट्रेन का इस्तेमाल किम जोंग उन के पिता और दादा भी करते थे।
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कितने देशों की यात्रा कर सकती है किम जोंग उन की ट्रेन?
किम जोंग-उन की यह खास ट्रेन मुख्य रूप से केवल दो देशों तक ही जाती है। उत्तर कोरिया से चीन और रूस तक ही ये खास ट्रेन जाती है। 2019 में किम ने इसी ट्रेन से व्लादिवोस्तोक (रूस) और बीजिंग (चीन) की यात्रा की थी। सुरक्षा कारणों से, यह ट्रेन केवल उन्हीं देशों में जाती है जहां सीधा रेल संपर्क है और जहां किम को राजनीतिक या रणनीतिक कारणों से जाना होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रेन मंगोलिया भी जा सकती है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
ट्रेन की सुरक्षा और विलासिता
यह ट्रेन पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है और इसके प्रत्येक डिब्बे को स्टील की मोटी परत से मजबूत किया गया है। ट्रेन के अंदर आधुनिक संचार तकनीक, सैटेलाइट फोन, बड़े मीटिंग हॉल, डाइनिंग कार और वाइन-बार मौजूद हैं। इसके अलावा, इस ट्रेन में किम जोंग-उन के लिए निजी सुइट बनाए गए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, इस ट्रेन में यात्रा के दौरान ताजा समुद्री भोजन और वाइन परोसी जाती है। केवल यही ट्रेन नहीं, बल्कि किम की सुरक्षा के लिए दो और ट्रेनों का इस्तेमाल किया जाता है। पहली ट्रेन सुरक्षाकर्मियों और जांच दल के लिए है, जबकि तीसरी ट्रेन रसद और अन्य सामान ले जाती है। यानी यह यात्रा किसी एक ट्रेन की नहीं, बल्कि पूरे काफिले की होती है।
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कितना महंगा होता है सफर?
सामान्य ट्रेनें तेज गति से चलती हैं, जबकि किम जोंग-उन की ट्रेन की औसत गति सिर्फ 60 किलोमीटर प्रति घंटा रखी जाती है। इसकी वजह सुरक्षा है, ताकि रास्ते की पूरी जांच की जा सके और किसी भी खतरे से बचा जा सके। धीमी गति और भारी सुरक्षा व्यवस्था के कारण लागत कई गुना बढ़ जाती है।
दक्षिण कोरिया और जापानी मीडिया में छपी खबरों के अनुसार, इस ट्रेन का खर्च सामान्य ट्रेन से 4-5 गुना ज्यादा है। अनुमान है कि प्रति किलोमीटर लगभग 25-30 लाख वॉन (करीब 15-18 लाख भारतीय रुपये) खर्च होते हैं। इसमें ईंधन, सुरक्षाकर्मियों का खर्च, खाना, तकनीकी उपकरण और रखरखाव शामिल है। हालांकि, उत्तर कोरिया इसकी सही लागत के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी जारी नहीं करता है।