Nepal Protest: नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की के शपथ के 3 दिन बाद ही नेपाल की सियासत फिर से पलट गई है. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के पास कार्की के नाम की पैरवी करने वाले जेनरेशन-जेड (Gen-Z) के लोग अब उनके ही विरोध में उतर गए हैं. सोमवार को प्रधानमंत्री के सरकारी आवास (Prime Minister’s official residence) के बाहर जेनरेशन-जेड ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व ‘हम नेपाली’ एनजीओ के सुडान गुरुंग (Sudan Gurung) कर रहे थे. इस प्रदर्शन में वे लोग भी शामिल थे, जिनके बच्चों की मौत पुलिस की गोली से हुई थी.
नेपाल की नई सरकार के खिलाफ विरोध के सुर (Voices of protest against the new government of Nepal)
नेपाल में जेनरेशन-जेड के प्रदर्शन (Gen-Z Protest) के बाद नेपाल में हालात सुधरने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन इसके उलट नई सरकार के खिलाफ ही बगावत के सुर उठने लगे हैं. नेपाल में नई सरकार बनने के बाद भी जेनरेशन-जेड का असंतोष और नाराजगी कम होती हुई नजर नहीं आ रही है. नेपाल के जेन-जेड आंदोलन के नायकों में शामिल सुदन गुरुंग (Sudan Gurung) ने प्रधानमंत्री सुशीला कार्की (Prime Minister Sushila Karki) के खिलाफ बेहद कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जिस व्यक्ति को मैंने प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाया है, उसे हटाने में मुझे ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.
आखिर क्यों हो रहा विरोध? (Why is there protest after all?)
नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री सुशीला गार्गी के खिलाफ विरोध की कई वजहें सामने आई है. जिसमें से एक यह है कि जेनरेशन-जेड (Gen-Z) के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुदन गुरुंग (Sudan Gurung) इस आंदोलन में शहीदों के परिवारों को प्रधानमंत्री से मिलवाने की दो बार कोशिश की, लेकिन शहीदों के परिवार प्रधानमंत्री से नहीं मिल पाए. इसके अलावा, सरकार में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों की चयन प्रक्रिया से दरकिनार किए जाने से भी सुदन गुरुंग (Sudan Gurung) नाराज हैं. कल मृतक के परिजन बलुवाटार में हंगामा करते देखे गए, वहीं कुछ जन-समुदाय समूहों ने सुशीला कार्की के इस्तीफे की मांग की.
प्रदर्शन कर रहे लोगों का क्या आरोप है? (What are the allegations against the protesters?)
प्रधानमंत्री सुशीला कार्की (Prime Minister Sushila Karki) के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि गृह मंत्री बनाए जा रहे ओम प्रकाश आर्यल (Om Prakash Aryal) को उन्होंने बातचीत के लिए भेजा था, लेकिन कुछ बातचीत के बाद वे खुद ही मंत्री बन गए. इन प्रदर्शनकारियों ने हामी नेपाली समूह के अध्यक्ष सुदन गुरुंग का भी घेराव किया और उन्हें प्रधानमंत्री आवास में घुसने नहीं दिया. इसके बाद सुदन गुरुंग भी खासे नाराज नजर आए. सुदान गुरुंग ने कहा कि जिस व्यक्ति को मैंने प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाया है, उसे हटाने में मुझे ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. दरअसल, गुरुंग बार-बार कोशिश करते रहे कि मृतक के परिजनों की प्रधानमंत्री से मुलाकात हो, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया.
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