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ट्रंप के टैरिफ के लिए भारत ने बनाया ऐसा खतरनाक प्लान, सुन सकपका गए अमेरिकी, दुनिया भर में मचा हंगामा

trump tariff: यह विवाद फरवरी में शुरू हुआ, जब ट्रंप प्रशासन ने भारतीय स्टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ लगाया। फिर इसे बढ़ाकर 50% कर दिया गया, जिससे लगभग 7.6 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय निर्यात प्रभावित हुए।

By: Divyanshi Singh | Published: August 10, 2025 6:08:21 PM IST



trump tariff:  अमेरिका द्वारा भारतीय स्टील, एल्युमीनियम और संबंधित उत्पादों पर 50% तक का भारी आयात शुल्क लगाए जाने के बाद, भारत अब जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर उसी अनुपात में टैरिफ लगाने पर विचार कर रही है, जितना भारतीय निर्यातकों को नुकसान हो रहा है। अगर यह कदम उठाया जाता है, तो यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति पर भारत की पहली औपचारिक प्रतिक्रिया होगी।

ट्रंप ने भारत पर लगाया 50% टैरिफ

यह विवाद फरवरी में शुरू हुआ, जब ट्रंप प्रशासन ने भारतीय स्टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ लगाया। फिर इसे बढ़ाकर 50% कर दिया गया, जिससे लगभग 7.6 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय निर्यात प्रभावित हुए। भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में तर्क दिया कि अमेरिका का यह कदम ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के नाम पर लगाया गया सुरक्षा शुल्क है, जो WTO के नियमों के विरुद्ध है। अमेरिका ने इस मामले पर बातचीत करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद भारत ने WTO के नियमों के तहत जवाबी कार्रवाई की कानूनी तैयारी शुरू कर दी।

इन उत्पादों पर लगाया जाएगा टैरिफ

सरकारी सूत्रों के अनुसार, जवाबी टैरिफ अमेरिकी वस्तुओं के एक सीमित समूह पर लगाया जाएगा। इन वस्तुओं का चयन इस तरह किया जाएगा कि टैरिफ से होने वाली आय, अमेरिकी कदम से भारतीय निर्यातकों को होने वाले नुकसान के बराबर हो। अधिकारियों का कहना है कि एक ओर अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बात कर रहा है, लेकिन दूसरी ओर वह भारतीय आर्थिक हितों के विरुद्ध एकतरफा कदम उठा रहा है, जिसका जवाब देने का अधिकार भारत को है।

अरबों डॉलर का व्यापार 

अमेरिका हर साल भारत को 45 अरब डॉलर से ज़्यादा मूल्य की वस्तुएँ बेचता है, जबकि हालिया टैरिफ से पहले भारत का अमेरिका को निर्यात 86 अरब डॉलर तक था। टैरिफ युद्ध के बढ़ने से व्यापार घाटा बढ़ सकता है और द्विपक्षीय आर्थिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं। फरवरी में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन भारत ने कृषि और संवेदनशील क्षेत्रों में अमेरिकी माँगों को अस्वीकार कर दिया, जिसके कारण वार्ता रुक गई।

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