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कौन हैं Sushila Karki जिन्हें Gen-Z ने चुना ‘प्रधानमंत्री’, वाराणसी से है खास कनेक्शन

Sushila Karki: छात्र विरोध के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए Gen-Z ने सुशीला कार्की को चुना गया है

By: Divyanshi Singh | Last Updated: September 11, 2025 10:32:14 AM IST



Sushila Karki:  नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की (former chief justice Sushila Karki) आज देश की अंतरिम प्रधानमंत्री बनेंगी. नेपाली मीडिया के अनुसार बुधवार को 5000 Gen-Z ने एक वर्चुअल बैठक के दौरान सुशीला कार्की के नाम पर अंतिम मुहर लगी. 73 वर्षीय सुशीला कार्की के अलावा अगले नेता के लिए काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह (balendra shah) और पूर्व बिजली बोर्ड अधिकारी कुलमन घीसिंग (Kulman Ghising) के नामों पर भी विचार किया गया.

पूरे देश में Gen Z के हिंसक विरोध प्रर्दशन और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफा के बाद सुशीला कार्की का नाम पीएम पद के लिए सामने आया है. नेपाल के Gen-Z प्रदर्शनकारी कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में चाहते हैं, यह बात सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव ने कही, जिनसे प्रदर्शनकारियों ने सलाह ली थी.

Balen Shah ने किया सुशीला कार्की का समर्थन

वहीं काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी सुशीला कार्की के नाम का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अब देश में एक अंतरिम सरकार आने वाली है, जो देश में नए चुनाव कराएगी. इस अंतरिम सरकार का काम चुनाव कराना और देश को नया जनादेश देना है.

Sushila Karki कौन हैं?

सुशीला कार्की ने जुलाई 2016 से जून 2017 तक नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनकर इतिहास रच दिया. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई.

7 जून 1952 को विराटनगर में जन्मी सुशीला कार्की सात बच्चों में सबसे बड़ी हैं. उन्होंने विराटनगर में अपनी कानून की शिक्षा पूरी करने के बाद 1979 में अपने कानूनी करियर की शुरुआत की. वह 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं. कार्की ने 1972 में महेंद्र मोरंग परिसर से स्नातक और 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की.

2009 में बनी न्यायाधीश

कार्की को जनवरी 2009 में सर्वोच्च न्यायालय का तदर्थ न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 2010 में वे स्थायी न्यायाधीश बनीं.
अप्रैल 2017 में सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी केंद्र) के सांसदों द्वारा प्रतिनिधि सभा में महाभियोग प्रस्ताव दायर करने के बाद उन्हें मुख्य न्यायाधीश के पद से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था. सांसदों ने उन पर पक्षपातपूर्ण निर्णय देने का आरोप लगाया था, जिसके कारण भ्रष्टाचार विरोधी प्रमुख को पात्रता के आधार पर पद से हटा दिया गया था.

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Sushila Karki ने भारत और PM Modi के बारे में क्या कहा ?

न्यूज़18 के साथ एक साक्षात्कार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी अपेक्षाओं के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सुशीला कार्की ने कहा, “मैं मोदी जी का अभिवादन करती हूँ. मोदी जी के बारे में मेरी अच्छी राय है.” कार्की ने कहा “आज हम कई दिनों से भारत के संपर्क में नहीं हैं,”. पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा “हम इस बारे में बात करेंगे. जब यह कोई अंतरराष्ट्रीय मामला होता है, दो देशों के बीच, तो कुछ लोग मिलकर नीति बनाते हैं,” .

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार-से-सरकार संबंध “एक अलग मामला है” “लेकिन नेपाल के लोगों और भारत के लोगों के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं. यह बहुत अच्छा रिश्ता है. हमारे कई रिश्तेदार, हमारे कई परिचित… हमारे बीच बहुत सद्भावना और प्रेम है.” उन्होंने कहा कि वह आम तौर पर भारतीय नेताओं से “बहुत प्रभावित” हैं. “हम उन्हें अपने भाई-बहन मानते हैं.”

बीएचयू में बिताए अपने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे आज भी अपने शिक्षक और दोस्त याद हैं. मुझे आज भी गंगा नदी याद है. गंगा के किनारे एक छात्रावास था. और गर्मियों में रात में हम छत पर सोते थे.”

भारत से अपेक्षाओं पर बोलते हुए, कार्की ने कहा, “भारत ने नेपाल की हर समय मदद की है. हम बहुत करीब हैं… (लेकिन) एक कहावत है (हिंदी में) ‘रसोई में जब बर्तन एक साथ रखे जाते हैं, तो वे आवाज़ ज़रूर करते हैं.’ ऐसा होता है.”

उन्होंने नेपाल में भारतीयों की सुरक्षा का भी आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि सेना ने अब व्यवस्था बहाल करने के लिए काम किया है, और कहा कि मारे गए लोगों के परिवारों को न्याय मिलेगा.

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