G20 Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को साउथ अफ्रीका के अपने तीन दिन के दौरे पर जोहान्सबर्ग पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. गौतेंग में वाटरलूफ एयर फोर्स बेस (AFB) पर पारंपरिक कलाकारों ने सांस्कृतिक गाने और डांस पेश किए. इस दौरान, स्थानीय महिलाओं ने ज़मीन पर लेटकर अभिवादन किया। इसे PM मोदी के दौरे को खास बनाने के लिए वेलकम डांस के बाद एक खास धन्यवाद के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, कई लोगों ने सवाल उठाया है कि यह स्वागत क्यों किया गया. यह एक प्रकार का साष्टांग दंडवत जैसा था जो कि भारत में आमतौर पर उन्हें किया जाता है जो की देवतुल्य और पूजनीय हो या सीधी तौर पर कहा जाए तो भगवान के सामने लोग ऐसे दंडवत प्रणाम करते हैं. इसके साथ ही साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा का नमस्ते भी काफी ज्यादा वायरल हो रहा है ऐसे में आइये बात करते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ख़ास दौरे पर उनके स्वागत में किये गए इस ख़ास पेशकश के बारे में.
महिलाओं ने क्यों किया लेटकर स्वागत
दरअसल साउथ अफ्रीका में प्रधानमंत्री के स्वागत में कुछ महिलाओं द्वारा जमीन पर लेटना वेंडा समुदाय ने दिखाया है. यह काफी अनोखा है. यह किसी ख़ास आगंतुक के लिए सबसे ज़्यादा सम्मान का प्रतीक है. दरअसल राष्ट्रपति रामफोसा, वेंडा समुदाय से हैं. इसलिए, इसका मतलब यह निकाला जा सकता है कि रामफोसा प्रधानमंत्री मोदी का आभार जता रहे थे.
साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति ने PM मोदी को किया नमस्ते
एयरपोर्ट पर वेंडा समुदाय की महिलाओं द्वारा जोरदार स्वागत के बाद PM मोदी जब साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मिले तो उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाथ जोड़कर नमस्ते करना पुरे सोशल मीडिया पर छा गया है. रामफोसा का या अंदाज हर भारतीय के दिल को छू गया. नमस्ते करने के बाद PM मोदी ने रामफोसा से हाथ भी मिलाया उनदोनों में कुछ बातें भी हुई और दोनों हंस पड़े. ये वीडियो सोशल मीडिया पर अब छा गया है.
G20 समिट का एजेंडा क्या है?
PM मोदी साउथ अफ्रीका द्वारा आयोजित किए जा रहे G-20 लीडर्स समिट में हिस्सा लेंगे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, “मैं G20 समिट से जुड़े इवेंट्स के लिए जोहान्सबर्ग आ गया हूँ. मैं दुनिया के लीडर्स के साथ ज़रूरी ग्लोबल मुद्दों पर अच्छी बातचीत का इंतज़ार कर रहा हूँ. हमारा फ़ोकस कोऑपरेशन को मज़बूत करने, डेवलपमेंट की प्रायोरिटीज़ को आगे बढ़ाने और सभी के लिए बेहतर भविष्य पक्का करने पर होगा.”
इस साल, G20 लीडर्स समिट जोहान्सबर्ग में हो रहा है. यह डेवलपिंग देशों में होने वाला लगातार चौथा G20 समिट होगा। प्रधानमंत्री मोदी G20 एजेंडा पर भारत का नज़रिया पेश करेंगे. उनसे समिट के तीनों सेशन को एड्रेस करने की उम्मीद है.
G20 समिट का थीम
समिट के पहले सेशन की थीम है “इनक्लूसिव और सस्टेनेबल इकोनॉमिक ग्रोथ, किसी को पीछे न छोड़ना: हमारी इकोनॉमीज़ बनाना, ट्रेड का रोल, डेवलपमेंट के लिए फ़ाइनेंसिंग, और कर्ज़ का बोझ।” दूसरे दो सेशन होंगे “एक मज़बूत दुनिया – G20 कंट्रीब्यूशन: डिज़ास्टर रिस्क रिडक्शन, क्लाइमेट चेंज, इक्विटेबल एनर्जी ट्रांज़िशन, फ़ूड सिस्टम्स”; और “सभी के लिए एक सही और इक्विटेबल भविष्य: ज़रूरी मिनरल्स, अच्छा काम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।”
भारत की G20 प्रेसीडेंसी के दौरान 2023 में अफ्रीकन यूनियन G20 का मेंबर बना. यह समिट ज़रूरी ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा करने का एक मौका है. इस साल की G20 थीम “एकजुटता, बराबरी और स्थिरता” है, जिसमें साउथ अफ्रीका भारत और ब्राज़ील में हुए पिछले इवेंट्स के नतीजों पर आगे बढ़ रहा है..
“ग्लोबल साउथ” का मतलब उन देशों से है जिन्हें अक्सर डेवलपिंग, सबसे कम डेवलप्ड या कम डेवलप्ड कहा जाता है. ये देश मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में हैं. US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी काउंटरपार्ट, शी जिनपिंग, G20 समिट में शामिल नहीं हो रहे हैं.
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भारत की अहम भूमिका
G-20 समिट के दौरान PM मोदी तीनों सत्रों में नेताओं को संबोधित करेंगे. इन सत्रों में समावेशी और टिकाऊ आर्थिक विकास, कर्ज संकट, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, प्राकृतिक आपदा जोखिम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सम्मानजनक रोजगार और महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच जैसे विषयों पर चर्चा होगी. गौरतलब है कि जोहान्सबर्ग में होने वाला यह सम्मेलन कई वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए अहम माना जा रहा है और इस मंच पर भारत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी.
भारतीय समुदाय से मुलाकात
जाने से पहले, PM मोदी ने कहा था कि वह “वसुधैव कुटुंबकम” और “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” की सोच के साथ समिट में भारत का पक्ष रखेंगे। वह जोहान्सबर्ग में हो रहे भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के तीन तरफा IBSA समिट में भी हिस्सा लेंगे. वह दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे, जो भारत के बाहर सबसे बड़े प्रवासी समुदायों में से एक है. समिट में मौजूद कई ग्लोबल लीडर्स के साथ बाइलेटरल बातचीत भी प्रपोज़्ड है.

