Home > विदेश > आसिम मुनीर के बाद भारत के इस दुश्मन की मेहमाननवाजी करेंगे Trump, ऑपरेशन सिंदूर में की थी PAK की मदद

आसिम मुनीर के बाद भारत के इस दुश्मन की मेहमाननवाजी करेंगे Trump, ऑपरेशन सिंदूर में की थी PAK की मदद

US Turkey News: असीम मुनीर के बाद अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गुरुवार को व्हाइट हाउस में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन के साथ मुलाकात करेंगे.

By: Shubahm Srivastava | Last Updated: September 25, 2025 9:44:27 PM IST



Trump-Erdogan Meeting: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गुरुवार को व्हाइट हाउस में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन के साथ मुलाकात करेंगे. ये मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है, जब ट्रंप ने ऐसे  संकेत दिए हैं कि अंकारा को मॉडर्न फाइटर विमानों की बिक्री पर अमेरिकी सरकार की रोक जल्द ही हट सकती है.

ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “हम राष्ट्रपति के साथ कई व्यापार और सैन्य समझौतों पर काम कर रहे हैं, जिनमें बोइंग विमानों की बड़े पैमाने पर खरीद, एक प्रमुख F-16 सौदा और F-35 वार्ता को जारी रखना शामिल है, जिसके सकारात्मक परिणाम की हमें उम्मीद है.”

पाक के बाद तुर्की की मेहमाननवाजी

भारत के दृष्टिकोण से, एर्दोआन से मुलाकात से पहले, ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया और उनकी मेज़बानी की. गौरतलब है कि मई में भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने पाकिस्तानी सेना को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की थी. पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र पर असफल हमले करने के लिए तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिससे भारत और तुर्की के बीच संबंध और तनावपूर्ण हो गए.

रॉयटर्स की रिपोर्ट है कि ट्रंप गुरुवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मुलाकात कर सकते हैं. यह मुलाकात दोनों देशों के बीच एक व्यापार समझौते पर सहमति के कुछ ही हफ्ते बाद हो रही है. ट्रंप के कार्यकाल में हाल के महीनों में अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में गर्मजोशी आई है, जबकि वाशिंगटन वर्षों से पाकिस्तान के प्रतिद्वंद्वी भारत को एशिया में चीन के प्रभाव के प्रतिकार के रूप में देखता रहा है.

F-35 कार्यक्रम से कर दिया था तुर्की को बाहर 

ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, अमेरिका ने नाटो सहयोगी तुर्की को अपने प्रमुख F-35 लड़ाकू विमान कार्यक्रम से बाहर कर दिया था, क्योंकि उसने रूस से एक वायु रक्षा प्रणाली खरीदी थी. अमेरिकी अधिकारियों को चिंता थी कि तुर्की द्वारा रूस की S-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का इस्तेमाल F-35 की क्षमताओं पर डेटा इकट्ठा करने के लिए किया जा सकता है और यह जानकारी रूस के हाथों में जा सकती है. 

लेकिन पिछले हफ्ते ट्रंप ने एर्दोगन की यात्रा की योजना की घोषणा करते हुए तुर्की को उम्मीद दी थी कि इस मामले का समाधान निकाला जा सकता है. यह यात्रा 2019 के बाद से एर्दोगन की व्हाइट हाउस की पहली यात्रा होगी. दोनों नेताओं ने ट्रम्प के पहले व्हाइट हाउस दौरे के दौरान “बहुत अच्छे संबंध” स्थापित किए, जबकि अमेरिका-तुर्की संबंध अक्सर जटिल रहे हैं.

इधर ट्रंप ने बढ़ाया H-1B वीजा शुल्क, उधर नॉर्वे ने भारतीयों के लिए खोल दिया दरवाजा, बस ये काम कर बन जाएंगे इस खूबसूरत देश…

Advertisement