China US Tension: अमेरिका और चीन के बीच आसमान में तकनीकी वर्चस्व की होड़ एक नए दौर में पहुंच गई है. चीन ने हाल ही में एक स्टील्थ फ्लाइंग-विंग ड्रोन का सफल परीक्षण किया है, जिससे अमेरिकी रक्षा हलकों में हलचल मच गई है. ‘क्रैंक्ड काइट’ (GJ-X) नामक इस ड्रोन को सैन्य विशेषज्ञ अगली पीढ़ी का मानवरहित बमवर्षक (Unmanned bombers) बता रहे हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने इस रहस्यमयी ड्रोन को पहली बार 19 अक्टूबर, 2025 को उड़ाया था और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
इसे झिंजियांग के मालन एयर बेस से लॉन्च किया गया था. अगस्त में ही इसके सैटेलाइट चित्र सामने आ चुके थे, जिससे इसके डिज़ाइन को लेकर उत्सुकता बढ़ गई थी. अब, इसकी उड़ान के साथ, ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने अपनी सामरिक वायु शक्ति क्षमताओं में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है.
यूसीएवी या फिर मानवरहित स्टील्थ बॉम्बर?
द वॉर ज़ोन के अनुसार, GJ-X ड्रोन का पंख फैलाव लगभग 42 मीटर (138 फीट) है, जो इसे अमेरिकी B-21 रेडर बमवर्षक के बराबर बनाता है. रक्षा जगत में इतना बड़ा मानवरहित विमान बेहद दुर्लभ है. विशेषज्ञ अभी भी इस बात पर विभाजित हैं कि यह यूसीएवी (मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन) है या मानवरहित स्टील्थ बॉम्बर. किसी भी स्थिति में, यह ड्रोन चीन की हवाई रणनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है.
BREAKING:
🇨🇳 China is testing its large unmanned stealth bomber, GJ-X UCAV. pic.twitter.com/mqjtmOEJUj
— Megatron (@Megatron_ron) October 19, 2025
चीनी रक्षा विश्लेषक चेन शी के अनुसार, यह ड्रोन एक “मध्यम दूरी का रणनीतिक बॉम्बर” है और संभवतः चीन की अगली बड़ी परियोजना, एच-20 स्टील्थ बॉम्बर का एक प्रोटोटाइप हो सकता है. उन्होंने कहा, “एच-20 का अभी अनावरण नहीं हुआ है, लेकिन अब हमारे पास बी-21 के आकार का एक रणनीतिक बॉम्बर है.”
अमेरिका को चीन की चेतावनी
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह परीक्षण केवल एक तकनीकी प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए एक रणनीतिक चेतावनी भी है. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के बीच पहले से ही तनाव है, और इस ड्रोन को उस शक्ति संघर्ष का हिस्सा माना जा रहा है.
चीन ने 2016 में एच-20 बॉम्बर के विकास की आधिकारिक घोषणा की थी, लेकिन अमेरिकी रक्षा अनुमानों के अनुसार, 2030 के दशक तक इसके लॉन्च होने की संभावना नहीं है. तब तक, जीजे-एक्स जैसे स्टील्थ ड्रोन चीन की हवाई रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और अमेरिकी हवाई श्रेष्ठता को चुनौती दे सकते हैं.
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