Home > विदेश > चीन-जापान के बीच बढ़ी टेंशन, द्विपक्षीय वार्ता भी नहीं आई काम; बैठक खत्म होने ही जापानी अधिकारी ने दे दिया बड़ा इशारा

चीन-जापान के बीच बढ़ी टेंशन, द्विपक्षीय वार्ता भी नहीं आई काम; बैठक खत्म होने ही जापानी अधिकारी ने दे दिया बड़ा इशारा

Beijing Tokyo Diplomatic Talks: बीजिंग में मंगलवार को कनाई ने चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के महानिदेशक लियू जिनसोंग से मुलाकात की.

By: Shubahm Srivastava | Published: November 19, 2025 12:28:13 AM IST



Japan-China Tensions: जापान के विदेश मंत्रालय में एशियाई और महासागरीय मामलों के महानिदेशक मसाकी कनाई ने चीन की आधिकारिक यात्रा पूरी कर मंगलवार को बीजिंग से प्रस्थान किया. यह यात्रा दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क को मजबूत करने, क्षेत्रीय मुद्दों पर समन्वय बढ़ाने और हालिया तनावों को कम करने के उद्देश्य से की गई थी.

जापानी मीडिया के मुताबिक, कनाई सोमवार को चीन पहुंचे थे और उनकी यात्रा का मुख्य फोकस ताइवान से जुड़े विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा करना था. 

ताइवान को लेकर जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची के हालिया बयान से चीन ने असंतोष जताया था, जिसके चलते यह वार्ता दोनों देशों के बीच स्थिरता कायम रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास मानी गई.

दोनों देशों के बीच हुई बैठक में क्या कुछ हुआ?

बीजिंग में मंगलवार को कनाई ने चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के महानिदेशक लियू जिनसोंग से मुलाकात की. बैठक में द्विपक्षीय संबंधों, ताइवान मुद्दे, क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और समुद्री मामलों पर विस्तृत चर्चा हुई. बैठक दोपहर करीब 2 बजे समाप्त हुई, जिसके बाद कनाई अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ मंत्रालय से निकल गए. बाद में उन्हें बीजिंग कैपिटल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देखा गया, जहां उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार कर सीधे विमान में सवार होकर चीन से प्रस्थान किया.

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ताइवान को लेकर चीन-जापान आमने-सामने

विश्लेषकों के अनुसार, यह यात्रा दर्शाती है कि जापान और चीन मौजूदा मतभेदों के बावजूद संवाद जारी रखने की इच्छाशक्ति रखते हैं. ताइवान के मुद्दे पर दोनों देशों के विचार काफी अलग हैं—जहां चीन ताइवान को अपना अभिन्न हिस्सा मानता है, वहीं जापान उसकी सुरक्षा को इंडो-पैसिफिक स्थिरता से जोड़कर देखता है. ऐसे में उच्च-स्तरीय वार्ताएं संभावित तनाव कम करने और आपसी समझ बढ़ाने का अवसर प्रदान करती हैं.

क्या दोनों देशों के बीच बनेगी बात?

जापानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भी पुष्टि की कि यह दौरा दोनों देशों के बीच नियमित और रचनात्मक संवाद बनाए रखने की नीति का हिस्सा है. बैठक में व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय शांति से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री ताकाइची के बयान से पैदा हुए कूटनीतिक तनाव को देखते हुए, यह यात्रा दोनों पक्षों के लिए संबंधों को संतुलित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.

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