US Pakistan Oil Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की थी कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तेल को लेकर एक समझौता हो गया है। पाकिस्तान ने अमेरिका को एक सपना दिखाते हुए कहा है कि बलूचिस्तान में तेल और अन्य खनिजों का भंडार है।
अमेरिका के साथ इस समझौते को लेकर पाकिस्तान में खूब जश्न मनाया गया था, लेकिन अब इस समझौते में एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है। दरअसल, बलूच नेता मीर यार बलूच ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बलूचिस्तान बिकाऊ नहीं है।
असीम मुनीर ने दी गलत जानकारी – बलूच नेता
बलूच नेता मीर यार बलूच ने इस सौदे को लेकर कहा है कि “आप (ट्रंप) इस क्षेत्र के विशाल तेल और खनिज भंडारों के बारे में पूरी तरह से गुमराह हैं। जनरल असीम मुनीर ने आपको भूगोल के बारे में गलत जानकारी दी है।”
उन्होंने आगे लिखा कि यह क्षेत्र पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का हिस्सा नहीं है, बल्कि बलूचिस्तान गणराज्य का हिस्सा है जो ऐतिहासिक रूप से एक संप्रभु राष्ट्र रहा है। उनका मुख्य तर्क यह था कि यह क्षेत्र बिक्री के लिए नहीं है और इसके संसाधनों का दोहन पाकिस्तान, चीन या किसी अन्य देश को स्वीकार्य नहीं होगा।
To the Honorable President of the United States, #BalochistanIsNotPakistan
Your recognition of the vast oil and mineral reserves in the region is indeed accurate. However, with due respect, it is imperative to inform your administration that you have been gravely misled by the… pic.twitter.com/bAMPOYisYK
— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) July 30, 2025
फ्यूचर में भारत भी पाकिस्तान से तेल खरीदे – ट्रंप
भारत को नीचा दिखाने के लिए ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ तेल समझौते का ऐलान किया है। अपने बयान में भारत पर तंज कसते हुए ट्रंप ने कहा, ‘हो सकता है कि भविष्य में भारत भी पाकिस्तान से तेल खरीदे।’ विशेषज्ञ इस समझौते को भारत पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देख रहे हैं।
लेकिन बलूच नेता अमेरिका और ट्रंप के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। बलूच नेता खुलकर इस समझौते के खिलाफ आ गए हैं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का इस क्षेत्र में पहले से ही बड़ा प्रभाव है, जिसके कारण स्थानीय बलूच समुदायों का सरकारों पर अविश्वास बढ़ गया है।
बलूच नेता मीर यार बलूच ने साफ कहा है कि हमारे संसाधनों पर बलूचों का हक है। इन्हें पंजाब या इस्लामाबाद के दफ्तरों की मर्जी से नहीं बेचा जा सकता।