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मरने के बाद रिश्तेदारों का खाते हैं मांस, अंतिम संस्कार कर राख का सूप बनाकर पी जाते हैं यहाँ के लोग

Yanomami: दुनियाभर में तरह तरह के लोग रहते हैं और ये तरह तरह की परंपराएं फॉलो की जाती हैं। वहीँ कुछ परंपराएं ऐसी  होती हैं  काफी अजीब होती हैं। कई देशों में ऐसे रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है जिन पर लोग विश्वास नहीं करते।

By: Heena Khan | Published: September 3, 2025 12:14:42 PM IST



South America Ritual: दुनियाभर में तरह तरह के लोग रहते हैं और ये तरह तरह की परंपराएं फॉलो की जाती हैं। वहीँ कुछ परंपराएं ऐसी  होती हैं  काफी अजीब होती हैं। कई देशों में ऐसे रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है जिन पर लोग विश्वास नहीं करते। वहीँ दुनिया के अलग-अलग देशों में किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार की परंपरा भी अलग-अलग होती है। इतना ही नहीं दक्षिण अमेरिका में एक जनजाति है जो अंतिम संस्कार के समय एक अजीब परंपरा का पालन करती है। यह परंपरा इतनी हैरान कर देने वाली है कि इसको जानकर आपके लिए यकीन करना मुश्किल होगा।

शव की राख का सूप 

दक्षिण अमेरिका में रहने वाली यानोमामी (Yanomami) जनजाति के लोग इस परंपरा का पालन करते हैं। ये परंपरा अंतिम संस्कार के बाद निभाई जाती है। वहीँ आपको बता दें, इस परंपरा में, मृतकों के अंतिम संस्कार के बाद बची हुई राख को सूप बनाकर पिया जाता है। आपको शायद यकीन न हो, लेकिन यह बिल्कुल सच है। इस जनजाति में ऐसा करना आम बात है। आइए आपको बताते हैं कि यानोमानी (Yanomami) जनजाति के लोग ऐसा क्यों करते हैं।

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आदिवासी से गहरा कनेक्शन 

आपकी जानकारी के लिए बता दें, यानोमानी (Yanomami) जनजाति दक्षिण अमेरिका में पाई जाती है। दुनिया में इस जनजाति को यानम या सेनेमा के नाम से भी पुकारा जाता है। सिर्फ दक्षिण अमेरिका ही नहीं बल्कि इसके अलावा यह जनजाति वेनेजुएला और ब्राजील(Brazil) के कुछ इलाकों में भी पाई जाती है। ये एक आदिवासी जनजाति है। इसकी की सभ्यता पश्चिमी सभ्यता से बिल्कुल अलग है। यानोमानी जनजाति के लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं का पालन करते हैं। 

दक्षिण अमेरिका में पाई जाने वाली इस जनजाति में अंतिम संस्कार की रस्में निभाने की परंपरा बेहद अजीब है। इस परंपरा को एंडोकैनिबलिज्म कहा जाता है, जिसका पालन करने के लिए जनजाति के लोग अपने मृत रिश्तेदारों का मांस खाते हैं।

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