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UP में इस जगह पर लगता है ‘भूतों का मेला’ नजारा देख रूह कांप जाएगी

Uttar Pradesh: बलिया का नवका बाबा मंदिर काफी रहस्यमयी है. यहां एक मेला लगता है. इस मेले में देशभर से लोग प्रेत बाधा, चर्म रोग और मानसिक समस्याओं के निदान के लिए आते हैं. इस मेले को भूतों का मेला भी कहा जाता है

By: Mohammad Nematullah | Last Updated: September 16, 2025 9:11:38 AM IST



Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बलिया में कई रहस्यमयी स्थान है. उनकी कहानियां तो उनसे भी ज्यादा रहस्यों से भरी हैं. ऐसी ही एक जगह है नवका बाबा का मंदिर. मनियर कस्बे में स्थित यह मंदिर कितना पुराना है, यह कोई नहीं जानता. लेकिन हां, इस मंदिर में देश भर से भूत-प्रेत से पीड़ित लोग आते हैं. उन्हें अपनी समस्या का समाधान मिलता है. इस मंदिर परिसर में नवरात्रि के दौरान एक मेला लगता है जो भूत-प्रेत से मुक्ति दिलाता है. यहां हज़ारों लोग इकट्ठा होते हैं, फिर भी उस समय यहां का दृश्य बेहद डरावना होता है.

इस मंदिर के पुजारी श्रीराम उपाध्याय बताते हैं कि प्राचीन काल में मगध प्रांत, जिसे आज बिहार कहा जाता है, से दो भाई यहां आए थे. उस समय यहां घना जंगल हुआ करता था. इन दोनों भाइयों ने बड़ी मेहनत से उस जगह की सफाई की और इस मंदिर की स्थापना की. उस समय जंगल में एक डायन रहती थी. उसने दोनों भाइयों को मार डाला और उनकी आत्माओं को एक छोटे से डिब्बे में बंद कर दिया.

दोनों भाइयों के तेज से भस्म हो गई थी डायन

इस डिब्बे में बंद होने के बाद भी इन दोनों भाइयों का तेज बरकरार रहा. उस तेज में जल कर इस पूरे इलाके का जंगल खुद ब खुद साफ हो गया. वे डायन भी उसी अग्नि में जलकर राख हो गई. उसके बाद, दोनों भाई स्थानीय लोगों के सपनों में आने लगे और लोगों को प्रेरित करके उन्होंने यहां अपना स्थान बना लिया. तभी से यह स्थान किसी भी प्रकार की भूत-प्रेत बाधा और अन्य अलौकिक शक्तियों से मुक्ति का केंद्र बन गया. पहले यहां केवल आस-पास के क्षेत्रों के लोग ही आते थे, लेकिन धीरे-धीरे इस मंदिर की प्रसिद्धि बढ़ती गई. अब इस मंदिर में न केवल यूपी-बिहार से, बल्कि दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत के कई राज्यों से भी लोग आते है.

चर्म रोगों और भूत-प्रेत से मुक्ति का दावा

मंदिर के पुजारी श्रीराम उपाध्याय बताते हैं कि इस मंदिर में लोगों को न केवल भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है, बल्कि लोग कुष्ठ रोग और सफेद दाग सहित अन्य असाध्य चर्म रोगों से मुक्ति पाने के लिए भी यहां आते हैं. उन्होंने बताया कि कुछ समय से लोग मानसिक रोगों के समाधान के लिए भी यहां आने लगे हैं. मान्यता है कि इस मंदिर के प्रसाद और उपचार से लोगों को लाभ मिलता है. इसीलिए लोग यहां एक बार मन्नत मांगने आते हैं और मन्नत पूरी होने पर दोबारा प्रसाद चढ़ाने आते हैं. इस मंदिर में विशेष रूप से नवरात्रि के दिनों में एक विशाल मेला लगता है. इसे भूतों का मेला कहा जाता है.

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