Uttar Pradesh Crime News: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में हुए बेहद विवादास्पद कमलेश हत्याकांड के 16 साल बाद गुरुवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया. एससी/एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश सुरेश चंद्र गुप्ता ने आरोपी शोभराज. जो चुर्खी थाने के बिनौरा वैध का रहने वाला है. आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 1,15,000 का जुर्माना भी लगाया है.
यह पूरी घटना 26 मई 2009 को हुई थी. आरोपी शोभराज ने कमलेश कुमार को उसके घर से यह कहकर बुलाया कि उसकी कार खराब हो गई है. इसके बाद उसने कमलेश का अपहरण कर लिया और उसके परिवार से 15 लाख की फिरौती मांगी है. फिरौती न मिलने पर आरोपी ने कमलेश की बेरहमी से हत्या कर दी और उसके शव के आठ टुकड़े कर दिया है. टुकड़ों को झांसी रोड स्थित एक घर में छिपाकर रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक दिया गया था.
पुलिस ने शव के टुकड़े किया बरामद
स्थानीय पुलिस ने शोभराज द्वारा बताए गए स्थान से कमलेश के शव के सभी आठ टुकड़े बरामद किया. इस हत्याकांड में चार आरोपी थे. जिनमें से तीन नाबालिग थे और उनके मामल की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में हुई थी. मुख्य आरोपी शोभराज 2014 से फरार था और उसे पुलिस ने 14 मई 2025 को गिरफ्तार किया था.
कब पिता की आत्मा को शांति मिलेगी
मृतक के बेटे वी.पी. राहुल जो घटना के समय केवल 10 साल के थे, ने अप्रैल 2025 में इस मामले की पैरवी शुरू की. अदालत के फैसले के बारे में उन्होंने कहा कि ‘मुझे उस समय कुछ भी याद नहीं है, लेकिन अब मुझे न्याय मिला है. मेरे पिता की आत्मा को शांति मिलेगी.’ मृतक की पत्नी मंजू देवी ने भी कहा कि इतने सालों बाद मिला न्याय ईश्वर का आशीर्वाद है.
सरकारी अधिवक्ता लखनलाल निरंजन और सहायक अधिवक्ता बृजराज सिंह ने मामले की पैरवी की. अभियोजन पक्ष ने इसे दुर्लभतम मामला बताते हुए मृत्युदंड की मांग की थी. लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.