Lucknow Crime News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बार फिर से रिश्तों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने रामफेर हत्याकांड का खुलासा रते हुए मृतक भांजे के हत्यारे का पर्दाफाश किया है. पूरा मामला जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए.
मामा निकला अपने ही भांजे का कातिल
पुलिस के मुताबिक नगराम थाना क्षेत्र के छतौनी गांव में हुए रामफेर हत्याकांड मामले में मृतक का सगा मामा ही उसका असली कातिल है, जिसकी वजह रामफेर की पत्नी से उसके अवैध संबंध थे. इसी बात से नाराज होकर आरोपी ने उसे रास्ते से हटाना ही ठीक समझा.
आरोपी ने कैसे बनाई हत्या की साजिश
पुलिस के मुताबिक, रायबरेली निवासी बसंतलाल अक्सर अपनी बहन के घर आता-जाता रहता था. इसी दौरान उसकी मुलाकात अपने भांजे रामफेर की पत्नी मीरा से हुई और दोनों में काफी नजदीकियां भी बढ़ गई. तो वहीं दूसरी तरफ, रामफेर शराब का आदी था और अक्सर मीरा के साथ मारपीट करता था. इस स्थिति से तंग आकर, मीरा और बसंतलाल ने रामफेर को रास्ते से हटाने की योजना बनानी शुरू कर दी.
भांजे को कैसे उतारा मौत के घाट
18 सितंबर को गांव में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया था. इसी मौके का फायदा उठाकर बसंतलाल और उसके साथी केतार बेडिया ने रामफेर को फोन कर इंदिरा नहर के किनारे बुलाया. जहां, उन्होंने उसे शराब पिलाई और जब वह नशे में धुत हो गया, तो गमछे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. वारदात को दुर्घटना दिखाने के लिए उन्होंने शव को नाले में फेंक दिया ताकि किसी को भी पता नहीं चल सके.
पुलिस ने किया वारदात का खुलासा
वारदात के बाद मीरा ने पुलिस को गुमराह करने की बेहद कोशिश की, लेकिन उसमें वो पूरी तरह से नाकाम रही. मीरा ने पुलिस को पुरानी रंजिश का हवाला देते हुए गांव के ही कुछ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी. मोबाइल सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) और तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस ने पूरा सच सामने ला दिया. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया गमछा भी बरामद किया है.
एसीपी के नेतृत्व में की गई कार्रवाई
एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा और नगराम थाना प्रभारी विवेक चौधरी के नेतृत्व में पुलिस ने बसंतलाल और उसके साथी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. तो वहीं दूसरी तरफ मीरा को भी हत्या में शामिल होने के कारण गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
बेसहारा हुए बच्चों की मदद का बीड़ा
हत्याकांड के बाद से मृतक रामफेर के 10 साल के बेटे प्रिंस और 13 साल की बेटी प्रियंका अब बेसहारा हो गए हैं. उनकी मां भी इस हत्या में शामिल होने के कारण जेल जा चुकी है. ऐसे में, गांव के समाजसेवी और कपड़ा व्यवसायी सुभाष गुप्ता ने आगे आकर बच्चों की मदद करने का फैसला लिया है. उन्होंने घोषणा की है कि वह दोनों बच्चों को 20 साल की आयु तक निःशुल्क कपड़े उपलब्ध कराएंगे और साथ ही बच्चों की देखरेख और खाने-पीने की जिम्मेदारी रामफेर का भाई उठाएगा.

