Home > उत्तर प्रदेश > मुस्लिम युवक ने प्रेमानंद जी महाराज को किडनी देने की जताई इच्छा, बोले- ‘यह इंसानियत का रिश्ता है, धर्म…’

मुस्लिम युवक ने प्रेमानंद जी महाराज को किडनी देने की जताई इच्छा, बोले- ‘यह इंसानियत का रिश्ता है, धर्म…’

Premanand Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के स्वास्थ्य को लेकर न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम धर्मावलंबी भी चिंतित हैं. ऐसे में बांदा के एक मुस्लिम युवक ने महाराज जी को एक किडनी देने की इच्छा जताई है.

By: Sohail Rahman | Published: October 19, 2025 5:49:05 PM IST



Premanand Maharaj Latest News: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से मानवीयता और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रेरक उदाहरण सामने आया है. यहां के एक मुस्लिम युवक ने प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज को अपनी किडनी दान करने की इच्छा जताई है. इस बारे में युवक को कहना है कि यह कदम किसी धर्म या जाति के आधार पर नहीं, बल्कि इंसानियत के नाते उठाया गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संत प्रेमानंद जी महाराज पिछले कई वर्षों से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. डॉक्टरों ने उन्हें ट्रांसप्लांट की सलाह दी है.

मुस्लिम युवक ने महाराज जी को लिखा पत्र (Muslim youth wrote a letter to Maharaj Ji)

यह खबर जब बांदा निवासी बुंदेलखंड इंसाफ सेना के अध्यक्ष ए एस नोमानी नामक मुस्लिम युवक तक पहुंची तो उसने बिना झिझक अपनी एक किडनी दान करने का निर्णय ले लिया. उसने इस संबंध में एक पत्र लिखकर महाराज जी तक अपनी बात पहुंचाई. पत्र में युवक ने लिखा कि आप इंसानियत, प्रेम और एकता का संदेश देने वाले संत हैं. आपके विचारों से हम सभी को प्रेरणा मिलती है. अगर मेरी किडनी आपके काम आ जाए तो यह मेरे लिए सबसे बड़ा सौभाग्य होगा.

यह भी पढ़ें :- 

संत प्रेमानंद जी महाराज ने क्या कहा? (What did Saint Premanand Ji Maharaj say?)

बताया जा रहा है कि युवक का यह कदम जिले और आसपास के लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है. लोग इसे हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे की मिसाल मान रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी युवक की तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं. संत प्रेमानंद महाराज ने भी युवक की भावना की सराहना की है. उन्होंने कहा कि ऐसे उदाहरण समाज को जोड़ने का काम करते हैं और यह दिखाते हैं कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है. बांदा जैसे छोटे जिले से निकली यह घटना आज पूरे प्रदेश में एक सकारात्मक संदेश दे रही है कि जब इंसानियत ज़िंदा होती है तो धर्म-मजहब की दीवारें अपने आप गिर जाती हैं. 

यह भी पढ़ें :- 

Azam Khan Health: बहुत ‘नाजुक’ है आजम खान की तबीयत! दिल्ली के अस्पताल में भर्ती; कोर्ट ने आगे बढ़ाई सुनवाई की तारीख

Advertisement