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UPI New Rule : अब एक ही ऐप से कंट्रोल करें सारे पेमेंट्स! 2025 में UPI में ला रहा है धमाकेदार फीचर

UPI New Rule : UPI में 31 दिसंबर 2025 से नया नियम लागू होगा, जिससे आप किसी एक ऐप से सभी पेमेंट्स और ऑटोपेमेंट्स को देख और मैनेज कर सकेंगे. इससे फाइनेंशियल प्लानिंग आसान होगी.

Published by sanskritij jaipuria

UPI New Rule : अगर आप गूगल पे, फोन पे या पेटीएम जैसे यूपीआई ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए एक शानदार खबर है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने घोषणा की है कि 31 दिसंबर 2025 से यूपीआई में एक नया और उपयोगी फीचर जोड़ा जाएगा.

इस नए बदलाव के बाद आप किसी भी एक यूपीआई ऐप से अपने सभी पेमेंट्स और ऑटोपेमेंट्स को देख और मैनेज कर सकेंगे, चाहे वो किसी दूसरे ऐप से सेट किए गए हों. यानी अब आपको हर ऐप पर जाकर बार-बार चेक करने की जरूरत नहीं होगी.

क्या बदलेगा इस नए नियम से?

अभी तक अगर आपने एक ऐप (जैसे गूगल पे) पर बिजली का बिल ऑटोपेमेंट सेट किया है और दूसरे ऐप (जैसे फोन पे) पर नेटफ्लिक्स का, तो आपको दोनों ऐप खोलकर चेक करना पड़ता था.

लेकिन नए नियम के बाद, आप चाहें तो सिर्फ गूगल पे या सिर्फ फोन पे जैसे किसी एक ऐप में ही सभी ऐप्स के पेमेंट्स का पूरा डैशबोर्ड देख पाएंगे. इतना ही नहीं, आप चाहें तो किसी एक ऐप पर सेट किए गए ऑटोपेमेंट को दूसरे ऐप में ट्रांसफर भी कर सकेंगे.

फाइनेंशियल प्लानिंग होगी और आसान

ये बदलाव खासकर उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होगा जो कई ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं. अब सभी पेमेंट्स एक ही जगह दिखने लगेंगे, जिससे आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बेहतर तरीके से कर पाएंगे.

आप ये भी जान पाएंगे कि कहां-कहां से पैसे कट रहे हैं, कितनी किस्तें बाकी हैं और कौन-कौन से सब्सक्रिप्शन एक्टिव हैं. इससे आपका समय भी बचेगा और खर्चों पर कंट्रोल भी बढ़ेगा.

कोई दबाव नहीं, पूरी आजादी

एनपीसीआई ने ये भी साफ कर दिया है कि इस सुविधा का लाभ लेने के लिए यूजर्स पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जाएगा. न तो कोई खास ऐप इस्तेमाल करने की मजबूरी होगी और न ही कोई कैशबैक या नोटिफिकेशन भेजकर आपको फोर्स किया जाएगा.

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आप अपनी मर्जी से कोई भी यूपीआई ऐप चुन सकते हैं और उसी से अपने सभी पेमेंट्स को ट्रैक कर सकते हैं.

सेफटी के लिए मिलेंगे नए फीचर्स

इस नई सुविधा के साथ-साथ UPI को और सेफ बनाने के लिए भी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. अब पेमेंट्स के लिए आपको सिर्फ पासवर्ड पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
नए ऑथेंटिकेशन तरीकों जैसे:

 फेस रिकग्निशन (Face Recognition)
 बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन (जैसे फिंगरप्रिंट)

को भी सिस्टम में जोड़ा जाएगा. इससे आपकी पेमेंट्स और डेटा दोनों पहले से ज्यादा सेफ रहेंगे.

कब से मिलेगा ये नया फीचर?

ये नया नियम 31 दिसंबर 2025 तक सभी यूपीआई ऐप्स और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को लागू करना होगा. यानी उस तारीख के बाद सभी प्रमुख यूपीआई ऐप्स पर यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी.

किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?

 जो लोग कई ऐप्स इस्तेमाल करते हैं.
 जिन्हें हर महीने कई बिल और सब्सक्रिप्शन का भुगतान करना होता है.
 जो अपनी वित्तीय योजना और खर्चों को बेहतर तरीके से ट्रैक करना चाहते हैं.
 और वे लोग जो ऐप बदलना चाहते हैं लेकिन पुराने ऑटोपेमेंट्स के कारण ऐसा नहीं कर पाते.

sanskritij jaipuria
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