Electric Vehicle History: क्या आप जानते हैं कि इलेक्ट्रिक गाड़ी जिसे हम आज भविष्य की टेक्नोलॉजी मानते हैं, असल में 100 साल से भी पहले मौजूद थी? बहुत कम लोग जानते है कि गैसोलीन से चलने वाली कारों के आम होने से पहले ही इलेक्ट्रिक कारें सड़कों पर थी. लेकिन असली सवाल यह है कि अगर इलेक्ट्रिक कारें पहले से मौजूद थीं, तो लोगों ने गैसोलीन कारों को क्यों चुना? ऑटोमोबाइल की दुनिया की दिशा कैसे बदल गई? आइए इलेक्ट्रिक कारों के इतिहास के बारे में जानें जो बहुत से लोग नहीं जानते…
पहला इलेक्ट्रिक मोटर कब बनाया गया था?
दुनिया का पहला बैटरी से चलने वाला इलेक्ट्रिक मोटर 1800 में बनाया गया था. बाद में 1890 में विलियम मॉरिसन ने एक इलेक्ट्रिक कार बनाई जिसमें छह लोग बैठ सकते थे.
पहली इलेक्ट्रिक कार का माइलेज कितना था?
पहली इलेक्ट्रिक कार एक घंटे में 14 मील यानी लगभग 23 किलोमीटर चल सकती थी. इसमें छह लोगों के बैठने की जगह थी.
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1900 तक अमेरिका में इलेक्ट्रिक कारों की संख्या
1900 तक अमेरिका में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या लगभग 1575 थी. स्टीम से चलने वाली गाड़ियों की संख्या लगभग 1650 थी, और गैसोलीन से चलने वाली गाड़ियों की संख्या लगभग 930 थी. इसका मतलब है कि अमेरिकी सड़कों पर लगभग 38% गाड़ियां इलेक्ट्रिक थीं, 40% स्टीम से चलने वाली थीं, और सिर्फ़ 22% गैसोलीन से चलने वाली थी.
गैसोलीन कारों की संख्या कैसे बढ़ी?
उस समय फ़ायदों के साथ-साथ कुछ दिक्कतें भी थी. बैटरी टेक्नोलॉजी में काफ़ी कमियां थी. बैटरियां भारी थीं और उनकी रेंज सीमित थी. लंबा चार्जिंग टाइम गैसोलीन से चलने वाली कारों के बढ़ने का एक बड़ा कारण था. गैसोलीन कारों की कम कीमत भी एक और कारण था.
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इलेक्ट्रिक गाड़ियां वापस क्यों आ रही हैं?
आज इलेक्ट्रिक कारें वापस आ रही हैं और बाज़ार में अपनी जगह फिर से बना रही है. इसके पीछे कई सुधार और कारण है. पहला है लिथियम-आयन बैटरियां, जो ज़्यादा रेंज देती हैं और वजन में हल्की होती है. फ़ास्ट चार्जिंग की क्षमता, प्रदूषण की बढ़ती समस्या- ये कुछ ऐसे कारण हैं जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों की वापसी में योगदान दे रहे है.