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Ajit Agarkar: अजीत अगरकर को चीफ सेलेक्टर के पद से हटवाना चाहते हैं अजिंक्य रहाणे! BCCI को दिया खास सुझाव

Ajinkya Rahane: रहाणे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर की नियुक्ति को एक साल हो चुका है. अगर रहाणे का प्रस्ताव लागू किया जाता है, तो सबसे पहले इसकी जद में अजीत अगरकर ही आ सकते हैं.

By: Pradeep Kumar | Published: October 15, 2025 7:43:12 AM IST



Ajinkya Rahane: भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे अनुभवी बल्लेबाज़ अजिंक्य रहाणे ने सेलेक्टर्स की नियुक्ति पर बड़ा बयान दिया है. उनका मानना है कि अब वक्त आ गया है कि चयनकर्ताओं की नियुक्ति में बदलाव किया जाए, खासकर घरेलू क्रिकेट में. रहाणे ने सुझाव दिया कि सिर्फ वही खिलाड़ी चयनकर्ता बने जिसने हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लिया हो, ताकि उसकी सोच और नजरिया आधुनिक क्रिकेट के अनुरूप हो. रहाणे का मानना है कि ऐसे खिलाड़ियों को टीम और प्‍लेयर्स के बारे में ज्‍यादा पता होता है.

रहाणे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर की नियुक्ति को एक साल हो चुका है और वह साल 2013 में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं. अगर रहाणे का प्रस्ताव लागू किया जाता है, तो सबसे पहले इसकी जद में अजीत अगरकर ही आ सकते हैं.

पुजारा के यूट्यूब चैनल पर रखी राय

अजिंक्य रहाणे ने अपने पूर्व साथी चेतेश्वर पुजारा के यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान अपनी राय रखी. उन्होंने कहा, “खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं से डरना नहीं चाहिए. हमारे पास ऐसे चयनकर्ता होने चाहिए जिन्होंने हाल में टॉप लेवल की क्रिकेट से संन्यास लिया हो। क्योंकि क्रिकेट लगातार बदल रहा है, ऐसे में यह जरूरी है कि चयनकर्ताओं की मानसिकता भी उसी रफ्तार से बदले.” रहाणे ने यह भी कहा कि 20-30 साल पहले की सोच से आज के खिलाड़ियों का मूल्यांकन करना नाइंसाफी होगी.

क्या है सेलेक्टर बनने का मौजूदा नियम?

वर्तमान में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के नियमों के अनुसार, राज्य स्तर पर चयनकर्ता बनने के लिए किसी खिलाड़ी के पास कम से कम 10 फर्स्ट क्लास मैचों का अनुभव होना चाहिए और संन्यास को कम से कम 5 साल हो चुके हों. रहाणे का मानना है कि यह नियम क्रिकेट की मौजूदा गति और मानसिकता से मेल नहीं खाता. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि, “क्रिकेट बहुत तेज़ी से बदल रहा है. ऐसे में जरुरी है कि हम खुद को बदलें. हम 20 साल पुरानी सोच के आधार पर खिलाड़ियों के चयन का फैसला नहीं ले सकते.”

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क्या होगा अगरकर का रिएक्शन?

रहाणे का यह बयान भारतीय क्रिकेट में चयन प्रक्रिया पर बहस को एक नया मोड़ दे सकता है. यदि बीसीसीआई इस दिशा में विचार करता है, तो आने वाले वर्षों में हमें ज्यादा युवा और हाल ही में रिटायर हुए पूर्व खिलाड़ी चयनकर्ता के रूप में दिख सकते हैं. हालांकि, यह भी देखना दिलचस्प होगा कि अजीत अगरकर इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या BCCI इस सुझाव को गंभीरता से लेता है?

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