Ocean found on the Moon Ariel: हमारे सौरमंडल में कई ऐसे राज छिपे हुए हैं, जिसके बारे में किसी को खबर नहीं है. देश-दुनिया के वैज्ञानिक सालों से इस पर खोज कर रहे हैं. समय-समय पर उन्हें कई ऐसी चीजों का पता चला है, जिसे जान सभी के होश उड़ गए. अब इसी कड़ी में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि सौरमंडल पर यूरेनस ग्रह (Uranus) की उपग्रह चंद्रमा एरियल (Ariel) पर महासागर मौजूद हो सकता है. असल में वैज्ञानिकों को इस बात के संकेत मिले हैं.
रिपोर्ट्स की माने तो वैज्ञानिकों को संकेत मिले हैं कि चंद्रमा एरियल पर बर्फ की ऊपरी परत के नीचे विशाल महासागर मौजूद हो सकता है. यह महासागर लगभग 100 मील गहरा हो सकता है.
क्या है पानी के पीछे का सच?
यूरेनस के एक उपग्रह, एरियल की सतह पर कई दरारें और फ्रैक्चर पाए गए हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये दरारें इस बात का संकेत हैं कि वहां कुछ आंतरिक गतिविधि थी. वैज्ञानिकों ने मॉडलिंग के माध्यम से इन संरचनाओं और भ्रंश (fault) रेखाओं की दिशा का अध्ययन किया है.
अध्ययन में पाया गया कि एरियल की कक्षा थोड़ी अण्डाकार थी, और गुरुत्वाकर्षण बर्फीले आवरण पर दबाव डाल सकता है, जिससे दरारें पड़ सकती हैं. यह अनुमान लगाया गया था कि यदि एरियल की कक्षा की ऊंचाई वक्रता के लगभग 0.04 गुना होती और अंदर पानी की एक मोटी परत होती, तो बर्फ पर दबाव इतना प्रबल हो सकता था कि वह चट्टान या बर्फ को तोड़ सके, जिससे पानी सतह पर आ सकता.
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नमक और अमोनिया के मिले संकेत
वैज्ञानिकों को चंद्रमा एरियल की सतह पर अमोनिया यौगिकों (compounds) के अंश मिले हैं. ऊर्जावान कणों के प्रभाव में अमोनिया जल्दी से नष्ट हो जाता है, इसलिए माना जा रहा है कि सतह पर मौजूद अमोनिया किसी नए स्रोत से आया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह आंतरिक तरल पानी से आता है. अमोनिया पानी के हिमांक को कम करता है, जिससे वह तरल अवस्था में बना रहता है। इसका मतलब है कि अगर एरियल में कोई महासागर है, तो वह शुद्ध पानी नहीं, बल्कि नमक और अमोनिया का मिश्रण हो सकता है.
चंद्रमा एरियल को लेकर वैज्ञानिकों का प्लान
वैज्ञानिकों के पास एरियल के उत्तरी छोर की अच्छी तस्वीरें नहीं हैं. इसलिए, वैज्ञानिक भविष्य के यूरेनस ऑर्बिटर और प्रोब मिशनों को उत्तरी छोर की तस्वीरें लेने की सलाह देते हैं, जिससे एरियल की संरचना को बेहतर ढंग से समझा जा सके.
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