Margashirsha Amavasya Kab Hai: हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष अमावस्या काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. ठंड के महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या के नाम से जुड़ा हुआ है. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. तो आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या का शुभ मुहूर्त, सही डेट और महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या कब है? (Margashirsha Amavasya Kab Hai)
मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 19 नवंबर को सुबह 9 बजकर 43 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 20 नवंबर की रात 12 बजकर 16 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, अमावस्या का व्रत 20 नवंबर को रखा जाएगा. इसी दिन स्नान-दान भी किया जाएगा.
पूजा विधि क्या है
- स्नान आदि करने के बाद मंदिर की साफ-सफाई करें
- गणेश जी को प्रणाम करें
- विष्णु जी का पंचामृत से अभिषेक करें
- अब प्रभु को पीला चंदन और पुष्प अर्पित करें
- श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें
- पूरी श्रद्धा के साथ विष्णु जी की आरती करें
- तुलसी दल सहित भगवान विष्णु को भोग लगाएं
- अंत में भगवान से क्षमा मांगे
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मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व क्या है?(Margashirsha Amavasya Ka Mehtav)
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन दान और स्नान दान का विशेष महत्व है. इस दिन दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है.