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Ramayan में क्यों छुपाए गए माता सीता से जुड़े ये 5 रहस्य? आखिरी वाला पढ़कर फटी रह जाएंगी आंखें

Ramayan Facts: जब रावण माता सीता का अपहरण करके उन्हें अशोक वाटिका ले गया, तो माता सीता भूखी थीं। लेकिन उन्होंने रावण द्वारा अधर्म से अर्जित भोजन को खाने से इनकार कर दिया।

By: Yogita Tyagi | Published: July 4, 2025 5:05:59 PM IST



Ramayan Facts: जब रावण माता सीता का अपहरण करके उन्हें अशोक वाटिका ले गया, तो माता सीता भूखी थीं। लेकिन उन्होंने रावण द्वारा अधर्म से अर्जित भोजन को खाने से इनकार कर दिया। इस स्थिति को देखकर ब्रह्मा जी ने इंद्रदेव के माध्यम से दिव्य खीर भेजी। इंद्र ने छल से यह खीर राक्षसों को खिला दी, जिससे वे गहरी नींद में सो गए। इसके बाद ब्रह्मा जी के अनुरोध पर माता सीता ने इस दिव्य खीर का सेवन किया, जिससे उनकी भूख और प्यास शांत हो गई।

रंभा ने रावण को दिया था ऐसा श्राप

रावण अपनी मायावी शक्तियों के कारण कहीं भी पहुंच सकता था। एक बार वह स्वर्ग में रंभा नाम की अप्सरा पर मोहित हो गया। रंभा ने रावण को समझाने की कोशिश की कि वह उसके भाई कुबेर के पुत्र नलकुबेर की प्रेमिका है और इसलिए उसकी पुत्रवधू के समान है। लेकिन रावण ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और उसके साथ बलात्कार किया। रंभा ने रावण को श्राप दिया था कि यदि भविष्य में वह किसी स्त्री को उसकी इच्छा के विरुद्ध स्पर्श करेगा तो उसका सिर सौ टुकड़ों में बंट जाएगा। इस श्राप के कारण रावण ने कभी माता सीता को स्पर्श नहीं किया।

गिद्धराज जटायु के पिता सूर्यदेव के सारथी अरुण थे

माता सीता को बचाने का प्रयास करने वाले गिद्धराज जटायु के पिता अरुण सूर्यदेव के सारथी थे। जटायु की वीरता और बलिदान की कहानी रामायण में अमर है। उनकी मृत्यु के बाद भगवान श्रीराम ने गोदावरी नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया था। आज भी छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य क्षेत्र में गिद्धराज जटायु का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।

33 करोड़ नहीं, सिर्फ 33 देवी-देवता

हिंदू धर्म में अक्सर 33 करोड़ देवी-देवताओं का जिक्र किया जाता है, लेकिन यह एक भ्रांति है। रामायण के अरण्यकांड के 14वें सर्ग के 14वें श्लोक में स्पष्ट किया गया है कि 33 प्रकार के ही देवी-देवता हैं। इनमें 12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और 2 अश्विनी कुमार शामिल हैं। यह संख्या प्रतीकात्मक है और इसे करोड़ों देवी-देवताओं के रूप में भौतिक रूप से समझना गलत धारणा है।

शूर्पणखा ने चुपके से दिया रावण को श्राप

रावण की बहन शूर्पणखा राजा कालकेय के सेनापति विद्युतजिव्ह से प्रेम करती थी और उससे विवाह करना चाहती थी। लेकिन रावण ने राजा कालकेय के राज्य पर विजय प्राप्त करते समय विद्युतजिव्ह को मार डाला। यह जानते हुए भी कि उसकी बहन विद्युतजिव्ह से प्रेम करती है, उसने अपनी महत्वाकांक्षा को प्राथमिकता दी। शूर्पणखा ने चुपके से अपने प्रेमी की मृत्यु पर शोक मनाया और चुपके से रावण को श्राप दिया कि उसके कारण उसका कुल और कुल नष्ट हो जाएगा।

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