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Pradosh Vrat 2025: आश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत 18 या 19 सितंबर को, इन उपायों से दूर होंगी परेशानियां

Pradosh Vrat 2025: अश्विन मास का पहला शुक्र प्रदोष व्रत 19 सितंबर को पड़ेगा, आइए जानतें हैं शुभ मुहूर्त और सही पूजा विधि .

By: Shivashakti Narayan Singh | Published: September 17, 2025 11:17:49 PM IST



Pradosh Vrat 2025: हर महीने त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है, जो भगवान शिव को प्रिय है. मान्यता है कि इस दिन उपवास कर प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.अश्विन मास की शुरुआत हो चुकी है और इस माह का प्रदोष व्रत विशेष महत्व रखता है. इस बार प्रदोष व्रत के साथ मासिक शिवरात्रि भी है, जो इसे और भी शुभ बना रहा है.

शुक्र प्रदोष व्रत

अश्विन मास का पहला प्रदोष व्रत शुक्रवार, 19 सितंबर 2025 को रखा जाएगा. यह दिन शुक्रवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन उपवास रखकर प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि से पूजा-अर्चना करने से शीघ्र ही इच्छित फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव नंदी के साथ पृथ्वी पर वास करते हैं .

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कब से हो रही त्रयोदशी तिथि की शुरुआत?

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ऋषिकेश पंचांग के मुताबिक त्रयोदशी तिथि का आरंभ 18 सितंबर की रात 11 बजकर 24 मिनट से होगा और इसका समापन 19 सितंबर की रात 12 बजकर 05 मिनट पर होगा. चूंकि उदया तिथि और प्रदोष काल 19 सितंबर को पड़ रहा है, इसलिए प्रदोष व्रत का पालन भी इसी दिन किया जाएगा.

पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के इस शुक्र प्रदोष व्रत पर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का सबसे शुभ समय प्रदोष काल रहेगा. इस दिन पूजा का मुहूर्त 19 सितंबर को शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. इसी समय भगवान शिव-शक्ति की विधिवत पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

Disclaimer :प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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