Home > धर्म > Janmashtami 2025: आज ही जान लें कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े सभी नियम, इस दिन भूलकर भी कर लिया ये काम तो नहीं मिलेगा व्रत का फल, क्या करना सही और क्या नहीं जानें सब कुछ?

Janmashtami 2025: आज ही जान लें कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े सभी नियम, इस दिन भूलकर भी कर लिया ये काम तो नहीं मिलेगा व्रत का फल, क्या करना सही और क्या नहीं जानें सब कुछ?

Krishna Janmashtami 2025: जन्माष्टमी के व्रत से जुड़े कुछ बहुत से नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए और किन- किन कामों को करने से बचना चाहिए।

By: Akriti Pandey | Published: August 15, 2025 11:08:58 AM IST



Krishna Janmashtami 2025: जन्माष्टमी का त्योहार हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है, जिसे भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार न केवल अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है, बल्कि प्रेम, भक्ति और विश्वास का संदेश भी देता है। यह त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है।

इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025 को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान कृष्ण के भक्त व्रत रखते हैं और मध्यरात्रि में भगवान के जन्म के समय विधि के साथ पूजा-अर्चना कर व्रत खोलते हैं। धार्मिक ग्रंथों में इस व्रत से जुड़े कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में आइए आपको बताते है कि इस दिन क्या करना चाहिए और किन कार्यों से को नहीं ।

जानें जन्माष्टमी का महत्व


पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में जब मथुरा के राजा कंस का अत्याचार चरम पर था और पृथ्वी पर अधर्म फैल रहा था, तब भगवान विष्णु ने अपने आठवें अवतार श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया। श्री कृष्ण ने बचपन से ही धर्म की रक्षा और अधर्म का अंत करने के लिए अनेक लीलाएँ कीं, जिनमें कंस वध प्रमुख है।

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जन्माष्टमी व्रत में क्या करना चाहिए और क्या नहीं ?

  • इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और मन ही मन व्रत का संकल्प लें।

  • पूरे दिन संयम और पवित्रता बनाए रखें।

  • जो लोग फलाहार व्रत रखते हैं, वे इस दिन फल, दूध, दही, साबूदाना, कुट्टू के आटे से बने व्यंजन आदि खा सकते हैं।

  • वहीं, जो लोग निर्जल व्रत रखते हैं, उन्हें इस दिन कोई अन्य भोजन या जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।

  • दिन में सोने से भी बचें।

  • व्रत के दौरान अनाज और नमक का सेवन न करें। तामसिक भोजन से भी दूर रहें।

  • रात्रि 12 बजे के बाद श्री कृष्ण के जन्म के बाद ही व्रत खोलें।

  • सुबह और शाम दोनों समय भगवान कृष्ण की पूजा करें।

  • इस दिन काले कपड़े न पहनें और पूजा में काली वस्तुओं का प्रयोग न करें।

  • व्रत खोलते समय सबसे पहले भगवान कृष्ण को भोग लगाएँ और फिर स्वयं भोजन करें।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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