Krishna Janmashtami In India: कृष्ण जन्माष्टमी भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस पर्व को लोग बड़े ही श्रद्धा के साथ मनाते हैं। साथ ही, इसे देश के कई हिस्सों में अपनी अनोखी परंपराओं और भव्य आयोजनों के साथ मनाया जाता है। 2025 में यह पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा, और भक्त भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को देखने और महसूस करने के लिए खास स्थानों की ओर रुख करेंगे।
वैसे तो कृष्ण का जन्म त्रेता युग में ही हो चुका है। लेकिन, लोगों के घरों में और दिलों में वो हर साल जन्म लेते हैं। इस जन्मउत्सव में उनके भक्त लीन रहते हैं।
1. मथुरा और वृंदावन (उत्तर प्रदेश)
भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा और बाल्यकाल की लीलाओं से जुड़ा वृंदावन जन्माष्टमी के समय स्वर्णिम रोशनी और फूलों से सजे मंदिरों, रासलीला नाटकों और भजन संध्याओं से जगमगाता है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में मध्यरात्रि महाआरती का दृश्य अद्वितीय होता है।
2. द्वारका (गुजरात)
समुद्र किनारे बसे द्वारकाधीश मंदिर में जन्माष्टमी पर हजारों भक्त जुटते हैं। मंदिर की सजावट, विशेष झांकियां और भव्य आरती देखने लायक होती है। यहाँ का “मंगल आरती” अनुभव भक्तों के लिए अविस्मरणीय है।
3. नाथद्वार (राजस्थान)
नाथद्वारा का श्रीनाथजी मंदिर जन्माष्टमी पर फूल बंगले और झूलों से सजा होता है। यहां की मिठाइयों और प्रसाद का स्वाद दूर-दूर से आए लोगों को आकर्षित करता है।
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4. पुरी (ओडिशा)
जगन्नाथ मंदिर में जन्माष्टमी पर विशेष पूजा और कीर्तन का आयोजन होता है। मंदिर का वातावरण भक्तिमय संगीत और चांदी के झूलों से भर जाता है।
5. मुंबई (महाराष्ट्र)
मुंबई की दही-हांडी प्रतियोगिताएं जन्माष्टमी का खास आकर्षण हैं। यहां गोविंदा पथक ऊंची-ऊंची हांडियां फोड़कर माहौल को जीवंत कर देते हैं।
जन्माष्टमी 2025 पर इन स्थानों का अनुभव भक्ति, संस्कृति और उत्साह का संगम होगा। जो भी यहां पहुंचेगा, वह कृष्ण प्रेम और उल्लास की लहर में डूब जाएगा।
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