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करवा चौथ पर लाला पहनना क्यों होता है शुभ? जानिए क्या है इसके पीछे का रहस्य

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है. ये व्रत वो अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. कई महिलाएं इस व्रत में लाल रंग को पहनती है, तो आइए जानते हैं इसके पीछे का धार्मिक दृष्टिकोण क्या है?

By: Shivi Bajpai | Published: October 5, 2025 12:37:42 PM IST



Karwa Chauth Ka Vrat: करवा चौथ का पर्व भारतीय स्त्रियों के लिए अत्यंत पावन और भावनात्मक त्योहार माना जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. करवा चौथ पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और पारंपरिक रूप से लाल रंग के वस्त्र पहनती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस दिन लाल रंग पहनना इतना शुभ क्यों माना जाता है? इसके पीछे धर्म, संस्कृति और ऊर्जा विज्ञान तीनों के गहरे कारण हैं.

धार्मिक कारण

हिंदू धर्म में लाल रंग को मंगल और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है. यह देवी पार्वती का प्रिय रंग भी है, जिन्हें सुहाग की देवी कहा जाता है. करवा चौथ का व्रत भी माता पार्वती की आराधना से जुड़ा है. मान्यता है कि लाल रंग पहनने से मां पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण की भावना बनी रहती है. इसलिए इस दिन लाल साड़ी या लाल जोड़ा पहनना शुभ और पारंपरिक माना गया है.

सांस्कृतिक महत्व

भारतीय संस्कृति में लाल रंग को वैवाहिक जीवन का प्रतीक माना गया है. विवाह के समय भी दुल्हन को लाल जोड़ा पहनाया जाता है क्योंकि यह रंग नई शुरुआत, प्रेम, शक्ति और स्थायित्व का प्रतीक होता है. करवा चौथ विवाहित महिलाओं का पर्व है, इसलिए यह दिन उनके सुहाग की दीर्घायु और सुख का प्रतीक बन जाता है. लाल रंग पहनने से वैवाहिक जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और प्रेम की अनुभूति बढ़ती है.

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ऊर्जा और भावनात्मक दृष्टि से

वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से लाल रंग ऊर्जा, आत्मविश्वास और उत्साह का रंग है. यह रंग व्यक्ति के भीतर जोश और सकारात्मकता बढ़ाता है. करवा चौथ का दिन उपवास और संयम का होता है, ऐसे में लाल रंग पहनने से मन में स्फूर्ति बनी रहती है और व्रत का माहौल और भी मंगलमय हो जाता है.

 किन्हें कौन सा लाल शेड पहनना चाहिए?

अगर आप पारंपरिक रूप से साड़ी पहन रही हैं तो गहरा लाल या मरून रंग चुनें, जो पार्वती मां की भक्ति और गंभीरता का प्रतीक है. जबकि युवतियों के लिए हल्का सिंदूरी या गुलाबी लाल रंग शुभ और आकर्षक माना जाता है.

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