Shri Krishna Janmashtami 2025: जन्माष्टमी का त्योहार बेहद धूमधाम से पूरे देश में 16 अगस्त को मनाया जाना है। यह त्यौहार पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसी कारण इस योग में हर साल जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। ऐसे में इस दिन एक खास संयोग बनने जा रहा है। इस त्यौहार पर ज्वालामुखी राजयोग बन रहा है। यो योग 12 साल बाद बनने जा रहा है।
ज्वालामुखी राजयोग क्या है?
ज्वालामुखी राजयोग एक बेहद दुर्लभ संयोग हैं। जिससे ग्रहों की स्थिति का निर्माण विशेष तौर पर होता है। इस योग के तहत सूर्य, चंद्रमा, और अन्य ग्रहों की स्थिति एक शक्तिशाली और शुभ योग का निर्माण करती हैं।
ज्वालामुखी राजयोग का महत्व
जन्माष्टमी पर ज्वालामुखी राजयोग एक बेहद शुभ अवसर है। इस दौरान कान्हा जी की अराधना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। यह जीवन में सफलता के साथ-साथ सुख और शांति भी लेकर आता है। यह एक ऐसा अवसर जिसका आप लाभ उठा सकते हैं।
भगवान कृष्ण की पूजा करने से मिलेंगे लाभ
- सफलता और समृद्धि की प्राप्त
- आनंद की अनुभूति
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश
- आत्म-विकास की प्राप्ति
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कब मनाया जाएगी जन्माष्टमी?
बता दें कि इस बार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों ही अलग-अलग दिन पड़ रहे हैं। ज्योतिष के मुताबिक, अष्टमी तिथि 15 अगस्त की रात 11:49 से शुरू होकर 16 अगस्त की रात 09:34 बजे तक रहने वाली है। वहीं रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त की सुबह 04:38 से शुरू होगा। जिस कारण उदया तिथि के मुताबिक, 16 अगस्त को यह त्यौहार मनाया जाएगा।
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