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गणपति बप्पा की मूर्ति घर लाने से पहले जान लें ये खास नियम, वरना नहीं मिलेगा पूरा फल

Ganesh Chaturthi 2025: क्या आप गणेश जी की मूर्ति घर लाने की सोच रहे हैं? वास्तु और परंपराओं के अनुसार जानें मूर्ति खरीदते समय किन बातों का ध्यान देना चाहिए।

By: Shraddha Pandey | Published: August 23, 2025 4:59:38 PM IST



Ganesh Chaturthi Vastu Rules: गणेश चतुर्थी पूजा का समय हर घर में श्रद्धा और उमंग लेकर आता है। इस दौरान गणपति बप्पा की प्रतिमा का चयन एक गहरी समझ और सावधानी से करना चाहिए। क्योंकि, ये सिर्फ पूजा नहीं, सही विकल्प घर में सुख-शांति और समृद्धि तक ला सकता है। आइए जानें कुछ ऐसे महत्वपूर्ण नियमों के बारे में।

ये बातें सिर्फ पूजा का हिस्सा नहीं, बल्कि आपकी भावनाओं और पारिवारिक विश्वासों का भी परिचायक हैं। गणेश चतुर्थी का यह त्योहार घर में सिर्फ भक्तिभाव नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार लेकर आए। इस शुभ भावना के साथ आपकी तैयारी हो।

1. प्रतिमा का आकार और स्थिति

• घर के लिए मध्यम आकार की प्रतिमा (6–12 इंच) सबसे बेहतर मानी जाती है, ना बहुत बड़ी, ना बहुत छोटी।     

2. सूंड का झुकाव

• वास्तु में वामवर्ती यानी बाईं ओर झुकी सूंड वाली गणेश प्रतिमा को घर में सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। वहीं, दाईं ओर झुकी सूंड वाली मूर्ति मंदिरों के लिए होती है और घर में रखना कठिन माना जाता है।   

3. मुद्रा (पोस्टर) की भूमिका

• बैठे हुए (Lalitasana) गणेश की प्रतिमा सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। यह शांति, समृद्धि और घरेलू खुशहाली के लिए आदर्श है।

4. मूषक और मोदक का महत्व

• एक आदर्श गणेश प्रतिमा में मूषक (उनका वाहन) और मोदक (प्रिय प्रसाद) जरूर शामिल हों। ये उनके प्रतीक और शुभता की पहचान हैं।   

5. रंगों का प्रभाव

• वास्तु में सफेद रंग की गणेश प्रतिमा को शांति और संतुलन का प्रतीक माना जाता है, जबकि सिंदूरी (लाल या केसरिया) रंग प्रतिबल और स्व-विकास को बढ़ावा देता है।

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6. दिशा और स्थापना स्थान

• प्रतिमा को उत्तर-पूर्व (ईशान कोना) में रखना सर्वोत्तम माना जाता है। यह स्थान सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इसके अलावा उत्तर और पश्चिम दिशाएं भी शुभ मानी जाती हैं।

• सबसे महत्त्वपूर्ण बात: प्रतिमा का मुंह दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए।           

7. ऊंचाई और आधार (प्लेटफॉर्म)

• गणेश प्रतिमा को जमीन से कम से कम 2 इंच ऊंचा रखा जाना चाहिए और 9-11 इंच ऊंची मूर्ति आपके पूजा स्थल के लिए आदर्श मानी जाती है।

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8. पूजन की स्वच्छ विधि

• प्रतिमा का पीछे बैक सपोर्ट (दीवार या पैनल) होना चाहिए और अगर प्रतिमा टूट-फूट गई हो तो, उसे घर में न रखें।

• इसके अलावा, सिर्फ एक ही मूर्ति रखकर उसकी नियमित पूजा करना शुभ माना जाता है, क्योंकि अधिक मूर्तियों से ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है।

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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