धनतेरस हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो धन, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इस दिन घर की सफाई की जाती है, नई वस्तुएं खरीदी जाती है और भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. लेकिन क्या आप जानते है कि त्योहार से जुड़ी है स्वर्ग के कोषाध्यक्ष, धन के देवता कुबेर की एक अद्भुत और रोचक कहानी है? कहते हैं कि एक समय कुबेर की आंख फूट गई थी. तो चलिए जानते है आखिर कैसे और भगवान कुबेर कि कहानी धनतेरस से जूड़ी.
कुबेर की आंख फूटने की घटना
स्वर्ग में कुबेर, जिन्हें हम धन और समृद्धि के देवता के रूप में जानते हैं, को स्वर्ग के खजानों का रखवाला माना जाता था. पुराणों में उल्लेख मिलता है कि एक समय कुबेर भगवान के खजाने पर कोई संकट आया था. इस संकट में कुबेर की आंख फूट गई. यह घटना न सिर्फ स्वर्ग में चर्चा का विषय बनी, बल्कि इसे देखकर सभी देवता और ऋषि चिंतित हो गए. कुबेर की आंख फूटने का कारण था की उनकी सतर्कता में थोड़ी कमी और धन की सुरक्षा में लापरवाही. इससे यह कहानी हमें यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि भले ही आप कितने ही शक्तिशाली क्यों न हों, धन और संपत्ति की सुरक्षा ईमानदारी और समझदारी से करनी चाहिए.
धनतेरस का महत्व
धनतेरस के दिन नए बर्तन, गहने और धन संबंधित वस्तुएं खरीदी जाती हैं. इसे शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन और समृद्धि आती है. कुबेर की आंख फूटने की कहानी इस दिन की पूजा के महत्व को और बढ़ा देती है. लोग धन की सुरक्षा और उसकी उचित वृद्धि की कामना करते हैं. धनतेरस का त्योहार केवल खरीदारी का नहीं, बल्कि सतर्कता, इमानदारी और धन की पूजा का भी प्रतीक माना जाता है. यह दिन हमे याद दिलाता है कि केवल धन अर्जित करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे संभालना और सही दिशा में खर्च करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है.

