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Chhoti Diwali 2025: छोटी दीवाली पर किस भगवान की होती है पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

Chhoti Diwali 2025: छोटी दीवाली को नरक चतुर्दशी और रूप चौदस के नाम से जाना जाता है. इस साल दीवाली 19 अक्टूबर, रविवार के दिन मनाई जाएगी. तो आइए जानते हैं कि इस दिन कौन-से भगवान की पूजा होती है और जानिए इसका शुभ मुहूर्त क्या है?

By: Shivi Bajpai | Published: October 19, 2025 5:00:18 AM IST



Chhoti Diwali 2025 Shubh Muhurat: छोटी दीवाली को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है. कल 19 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में धूमधाम से छोटी दीवाली का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन को नरक चतुर्दशी, रूप चौदस और काली चौदस के नाम से जाना जाता है. तो आइए जानते हैं कि इस दिन कौन से भगवान की पूजा होती है और इसका शुभ मुहूर्त क्या है?

छोटी दीवाली का पौराणिक महत्व क्या है?

अक्सर लोग नहीं जानते हैं कि छोटी दीवाली का संबंध भगवान श्री राम से नहीं बल्कि श्री कृष्ण से है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के दैत्य का वध किया था, जिसने 16,000 कन्याओं को बंदी बना कर रखा था. भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें मुक्त कराया और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक स्थापित हुआ. इसी कारण इस तिथि को ‘नरक चतुर्दशी’ भी कहा जाता है. 

छोटी दीवाली पर किनकी पूजा की जाती है?

इस दिन भगवान श्री कृष्ण, यमराज और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. सुबह स्नान किया जाता है, जिसे अभ्यंग स्नान कहा जाता है. ऐसा करने से शरीर और मन दोनों को शुद्धि प्राप्त होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण के साथ यमराज की आराधना भी की जाती है. ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय कम हो जाता है और जीवन में शांति बनी रहती है.

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छोटी दीवाली का शुभ मुहूर्त

दृक पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में नरक चतुर्दशी की तिथि का प्रारंभ 19 अक्टूबर, रविवार दोपहर 1 बजकर 51 मिनट पर होगा और यह तिथि 20 अक्टूबर, सोमवार दोपहर 3 बजकर 44 मिनट तक जारी रहेगी. इस शुभ अवधि में श्रद्धा के साथ यम दीपक प्रज्वलित किया जा सकता है और पूजन-अर्चन किया जाना अत्यंत फलदायी माना गया है.

इस दिन का अभ्यंग स्नान मुहूर्त सुबह 5 बजकर 12 मिनट से 6 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस समय स्नान करने से पापों का नाश होता है और शरीर-मन शुद्ध होता है.

नरक चतुर्दशी पर दीपदान का विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि इस दिन यमराज के नाम से दीप जलाने से व्यक्ति को नरक के कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सौभाग्य तथा समृद्धि का वास होता है. यह दिन अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है और दीपदान करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. 

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(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इनखबर इस बात की पुष्टि नहीं करता है)

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