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Chhath puja 2025: बिहार, यूपी और झारखंड ही नहीं, इन देशों में भी मनाया जाता है छठ पूजा

छठ पूजा अब सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रही. अमेरिका, यूके, दुबई और मॉरीशस तक फैला यह पर्व, प्रवासी भारतीयों की आस्था और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बन गया है.

By: Shivani Singh | Published: October 12, 2025 5:16:38 PM IST



कभी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सीमित रहा छठ पर्व अब सीमाओं से परे चला गया है. सूर्य देव की उपासना का यह अनूठा पर्व अब केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि दुनिया भर में रहने वाले भारतीयों के लिए आस्था और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बन गया है. अमेरिका से लेकर मॉरीशस तक, दुबई से लेकर लंदन तक, छठ घाट सजते हैं, प्रसाद चढ़ाया जाता है और हर जगह “छठ मैया” के गीत गूंजते हैं. यही वह पर्व है जिसने लोगों को प्रवास के दौरान भी अपनी जड़ों से जोड़े रखा है. एक ऐसा उत्सव जो सचमुच “वैश्विक बिहार” की पहचान बन गया है.

बिहार से दुनिया भर में फैला आस्था का यह पर्व

कभी बिहार और पूर्वांचल के घाटों तक सीमित रहा छठ पूजा आज पूरी दुनिया में आस्था का प्रकाश फैला रहा है. सूर्य उपासना का यह पर्व भारतीय संस्कृति की सबसे प्राचीन परंपराओं में से एक है, जिसमें महिलाएं नहाय-खाय से लेकर खरना तक, डूबते सूर्य से लेकर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार और समाज की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं.

भारत में विस्तार

बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश से शुरू होकर, यह पर्व अब देश के हर हिस्से में मनाया जाता है. चाहे वह दिल्ली का यमुना घाट हो मुंबई का जुहू बीच, कोलकाता, भोपाल, चंडीगढ़, सूरत या जयपुर, छठ पूजा अब एक प्रमुख आयोजन बन गया है. महानगरीय क्षेत्रों में, प्रशासन विशेष व्यवस्था करता है, घाट बनाए जाते हैं और हज़ारों श्रद्धालु सूर्य देव की पूजा करने के लिए एकत्रित होते हैं.

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विदेशों में छठ की गूंज

प्रवासी भारतीयों ने भी इस पर्व को अपनाया है. आज, छठ पूजा नेपाल, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (दुबई), यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे देशों में उत्साह के साथ मनाई जाती है.

मॉरीशस में, छठ के लिए सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया जाता है, जबकि कैलिफ़ोर्निया और न्यू जर्सी में, भारतीय समुदाय कृत्रिम तालाबों के पास पूजा-अर्चना की पारंपरिक रस्में निभाता है. दुबई के ममज़ार बीच और लंदन के पार्कों में भी “छठ मैया” के गीत गूंजते है.

प्रवासी भारतीयों की सांस्कृतिक कड़ी है छठ पूजा

छठ पूजा जैसा महापर्व अब प्रवासी भारतीयों के लिए एक सांस्कृतिक पहचान बन गई है. यह त्योहार न केवल बिहार और पूर्वांचल की याद दिलाता है, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का भी एक माध्यम बन गया है. विदेशों में रहने वाले भारतीय परिवार इस त्योहार को एक साथ मनाते हैं. 

वैश्विक मान्यता की ओर

यही नहीं, इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, बिहार सरकार ने छठ पूजा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया है और यह स्पष्ट करता है कि यह त्योहार अब केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं रह गया है, बल्कि भारत की संस्कृति, अनुशासन और पर्यावरणीय सद्भाव का एक वैश्विक प्रतीक बन गया है. 

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